बृजभूषण पहुंचे दिल्ली हाई कोर्ट, उलझनों मे फंसी बीजेपी।
बृजभूषण शरण सिंह बनाम कुस्ती खिलाडियों का मामला ठंडा होने का नाम नही ले रहा है ये मुद्दा हर अगले दिन किसी नई बात के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने विनेश फोगट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और रवि दहिया सहित देश के बड़े पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है, यह कदम ऐसे वक्त आया है, जब प्रदर्शनकारी पहलवानों और सरकार के बीच एक सहमति बनी थी। पहलवानों और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के बीच लंबी बैठक के बाद शुक्रवार देर रात विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया गया, ठाकुर ने उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया था, जिसके तहत कैसरगंज सिंह के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कराने का फैसला किया गया है।
जांच पूरी होने तक WFI के अध्यक्ष सिंह सारे कामकाज से रहेंगे दूर।
रविवार को उत्तर प्रदेश में WFI की वार्षिक बैठक रद्द कर दी गई, जहां भूषण पहले लोगो को संबोधित करने वाले थे। उन्होंने अपने खिलाफ सभी दावों को खारिज किया है। इस बीच, केंद्र सरकार ने WFI की सभी गतिविधियों को निलंबित कर दिया है।और जांच पूरी होने तक WFI के अध्यक्ष सिंह सारे कामकाज से दूर रहेंगे।
इस मामले ने बीजेपी के लिए खड़ी कर दी हैं मुस्किलें।
बृजभूषण शरण सिंह बनाम कुस्ती खिलाडियों का मामला
बीजेपी के गले की फांस बन गया है। अगर अपने छह बार के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के उपर वे कोई एक्शन लेती है तो उत्तरप्रदेश मे बीजेपी से एक जाति विशेष नाराज हो सकती है, और अगर एक्शन नही लेती है तो हरियाणा मे सियासी समीकरण भी गड़बड़ा सकते है। याने की बीजेपी की छवि को क्षति पहुंचना तो तय है। सरकार इस मामले को जल्द पूरी तरह से निपटाना चाहेगी।