रंगपंचमी, जो होली के पांच दिनों के बाद मनाई जाती हैं, एक बहुत ही खास त्यौहार हैं। इसे ‘श्री पंचमी’ या ‘देव पंचमी’ के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार चैत्र कृष्ण पंचमी को आता है और विशेष रूप से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में धूमधाम से मनाया जाता है।
रंगपंचमी का अपना एक विशेष महत्व हैं। यह दिन श्री कृष्ण और राधा को समर्पित हैं। माना जाता हैं कि इस दिन श्री कृष्ण और राधा ने एक दूसरे के साथ रंगोत्सव मनाया था। यही कारण हैं कि इसका एक और नाम कृष्ण पंचमी भी हैं। एक अन्य मान्यता के मुताबिक, इस दिन देवी-देवता पृथ्वी पर आते हैं और अपने प्रिय भक्तों के साथ होली खेलते हैं। इस दिन रंगों का उपयोग केवल मस्ती के लिए नहीं, बल्कि negative शक्तियों को समाप्त करने के लिए भी किया जाता हैं। इस दिन वातावरण में अबीर गुलाल उड़ाने से positivity बढ़ती हैं।
ये त्योहार विभिन्न राज्यों में बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाता हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में इसका जश्न कुछ खास होता हैं और उसका कारण हैं ‘ गेर’। गेर एक विशाल जुलूस होता हैं जिसमें बड़ी संख्या में लोग होली खेलते हुए बाहर निकलते हैं। ये 300 साल पुरानी परंपरा हैं, जिसमें होलकर महाराज अपनी प्रजा के साथ होली खेलते थे। पहले 20 तोपों की सलामी के साथ गेर का शुभारंभ होता था। आज़ादी के बाद से लेकर अब तक इस परंपरा का पालन किया जा रहा हैं। इंदौर की गेर तो अब विश्व में भी प्रसिद्ध हो चुकी हैं।
इस दिन लोग खासतौर पर पूरण पोळी, श्रीखंड, गुझिया, लस्सी और ठंडाई का आनंद उठाते हैं। रंग पंचमी न केवल रंगों और मस्ती का पर्व है, बल्कि प्रेम और शांति का प्रतीक भी है। आप सभी को The Fourth की ओर से रंगपंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।