क्या आपने कभी किसी आरोपी के लिए सिर्फ 2 महीने के भीतर मौत की सजा सुनी है, नहीं ना? क्योंकि, आज से पहले कभी किसी आरोपी को इतनी जल्दी मौत की सजा सुनाई ही नहीं गई है। लेकिन, पश्चिम बंगाल में 10 साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। जिसमें कोर्ट ने 2 महीने में यानी महज 62 दिनों में आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है और ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है। इस केस को लड़ने वाले विशेष सरकारी वकील बिवास चटर्जी ने कहा कि, यह फैसला देश के आपराधिक न्यायशास्त्र के इतिहास में एक मिसाल कायम कर सकता है, क्योंकि जांच और सुनवाई बहुत तेजी से की गई है। बता दें कि, रेप और हत्या मामले में पुलिस ने 30 अक्तूबर को आरोप पत्र दाखिल किया था। 5 नवंबर से शुरू हुआ यह मुकदमा महज 21 दिनों में पूरा हो गया।
अदालत ने शुक्रवार (6 दिसंबर 2024) को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुब्रत चट्टोपाध्याय की POCSO अदालत ने आरोपी मुस्तकिन सरदार को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 65 (बलात्कार), 66 पीड़िता की मृत्यु या उसे लगातार अचेत अवस्था में रखने की सजा) और 103 (हत्या) के अलावा POCSO अधिनियम के तहत दोषी ठहराया है। साथ ही अदालत ने अपने फैसले में यह भी निर्देश दिया है कि, पीड़िता के परिवार को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए।
62 दिनों के अंदर दोषी को सजा होने पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी पुलिस की सराहना की है। उन्होंने कहा,”दो महीने के अंदर आरोपी को मौत की सजा देना ऐसा इतिहास में अभूतपूर्व है। मैं इस कार्य में उपलब्धि के लिए राज्य पुलिस और अभियोजन प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों को बधाई देती हूं। सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति शून्य सहिष्णुता रखती है और यह सुनिश्चित करना जारी रखेगी कि न्याय में न तो देरी हो और न ही न्याय से किसी भी पीड़िता या पीड़ित परिवार को वंचित किया जाए।”
ऐसी ही एक और घटना पश्चिम बंगाल के बरटोला इलाके से सामने आई है। जहां एक सात महीने की बच्ची के साथ दरिंदगी की गई। बच्ची अपने माता-पिता के साथ फुटपाथ पर सो रही थी, तभी उसका अपहरण कर लिया गया और उसके साथ बलात्कार किया गया। यह घटना पिछले हफ्ते की ही है, जिसके बाद पुलिस ने POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। हालांकि, अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है और इस मामले में पुलिस एक दर्जन से ज़्यादा संदिग्धों से पूछताछ भी की जा चुकी है। इस घटना के बाद गुस्साए लोगों ने इसके विरोध में हिंसक प्रदर्शन किए थे। जिसमें वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। साथ ही एक पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की गई थी और सड़कें भी जाम कर दी गईं थीं।
कोलकाता में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या की खबर ने अभी कुछ महीने पहले ही हम सभी को झकझोर कर रख दिया था। इस घटना के बाद पूरे देश में महिला डॉक्टर के लिए इंसाफ की मांग उठी थी। लेकिन, अफसोस अभी भी इंसाफ की यह मांग पूरी नहीं हो पाई। ऐसे में सवाल उठता है कि, हमारे देश का प्रशासन क्या कर रहा है? आखिर कब हमारे देश की बेटियां अपने आप को सुरक्षित महसूस करेंगी? क्योंकि, आज के समय में अपहरण, हत्या और रेप जैसे मामले कम होने के बजाय दिन ब दिन और बढ़ते जा रहे हैं।