2013 में एक स्कूल के बच्चे ने 546 रन ठोक कर सनसनी फैला दी थी। वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले उस खिलाड़ी का नाम है पृथ्वी शॉ। पृथ्वी के करियर का बड़ा मोड़ 2018 अंडर-19 विश्व कप था। जिसमें भारतीय टीम के कप्तान के रूप में, उन्होंने शानदार नेतृत्व दिखाया और बल्ले से भी कई महत्वपूर्ण पारियां खेलीं। भारत ने यह टूर्नामेंट जीता, और लोग शॉ को भविष्य का सितारा स्टार मानने लगे। उनके बल्ले की ताकत और तकनीक की तारीफ बड़े-बड़े क्रिकेट भी करते थकते नहीं थे।
अंडर-19 वर्ल्ड कप के बाद उन्हें आईपीएल मे दिल्ली कैपिटल्स ने अपने साथ जोड़ा, और वहां भी उन्होंने अपना जलवा बरकरार रखा। शॉ का प्रदर्शन शुरुआत में प्रभावशाली था। वह आक्रामक ओपनिंग बैट्समैन के रूप में उभरे, लोगों ने उन्हें सचिन – सहवाग का मिश्रण कहना शुरू कर दिया। लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीतता गया, उनकी बल्लेबाजी में निरंतरता की कमी दिखने लगी। आईपीएल के कई सीजन में शॉ का प्रदर्शन अस्थिर रहा, जहां वह कभी शानदार शुरुआत देते, तो कभी जल्दी आउट हो जाते।
एक सीजन में उनकी बल्लेबाजी की अस्थिरता खास तौर पर एक्सपोज हो गई , जिसके बाद उन्हें टीम से ड्रॉप किया गया। हालांकि बाद में उन्होंने एक बार फिर से वापसी की लेकिन यह काफी नहीं था।
पृथ्वी के करियर में सबसे बड़ा झटका तब आया जब उन्हें 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खराब प्रदर्शन के कारण टीम से बाहर कर दिया गया। वह तकनीकी समस्याओं से जूझ रहे थे, खासकर इनस्विंग गेंदों पर, जो उनकी बड़ी कमजोरी बन गई। टेस्ट क्रिकेट में उनकी बल्लेबाजी में गिरावट आने लगी, और इसके बाद उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया।
चोटों ने भी उनके करियर पर बुरा असर डाला। 2019 में, वेस्टइंडीज दौरे से पहले उनके पैर में चोट लगी थी, जिसने उन्हें महीनों तक क्रिकेट से दूर रखा। इसके बाद उनके खेल में वह पुराना आत्मविश्वास और लय कभी नहीं दिखी।
शॉ का करियर केवल चोटों और फॉर्म की वजह से प्रभावित नहीं हुआ, मैदान के बाहर के विवादों ने भी उनकी छवि को ख़राब किया है। 2021 में, शॉ पर डोपिंग के आरोप भी लगे, जिसके चलते उन्हें 8 महीने का बैन झेलना पड़ा। यह विवाद उनके करियर के लिए बड़ा धक्का साबित हुआ।
आज पृथ्वी के सितारे इतने गर्दिश में चल रहे है कि भारतीय टीम तो छोड़िए, अब उन्हें घरेलु क्रिकेट में मुंबई की टीम से भी बाहर कर दिया गया है। चयनकर्ताओं ने उनके बढ़ते वजन के चलते मुंबई की टीम में सिलेक्ट नहीं किया है। टीम मैनेजमेंट ने MCA को अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पृथ्वी शॉ के शरीर में 35 प्रतिशत फैट है और टीम में वापस आने से पहले उन्हें कड़ी ट्रेनिंग की जरूरत है।
पृथ्वी को उन्हीं के स्टेट टीम मेट सरफराज खान से सीखना चाहिए। क्यूंकि उनकी बॉडी बनावट भी वैसी ही है। लेकिन वो न सिर्फ भारतीय टीम में खेल रहे हैं बल्कि शतक भी ठोक रहे हैं।
बीते कुछ सालों में पृथ्वी शॉ ने कुछ बेहतरीन भी खेली हैं। काउंटी क्रिकेट मे भी उनका रिपोर्ट कार्ड ठीक है। यानी उनका क्रिकेट करियर अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। वह सिर्फ 24 साल के हैं और उनके पास अपनी गलतियों से सीखकर वापसी करने का पूरा मौका है। हालांकि, उनकी वापसी के लिए उन्हें अपनी फिटनेस पर ध्यान देना होगा, अनुशासन को सुधारना होगा और अपनी तकनीक में सुधार लाना होगा। यानी उन्हें मैदान और बाहर दोनों जगह खुद को साबित करना होगा।