हाल ही में रूस से ये ख़बर आई की वहां कैंसर से जुड़ी वैक्सीन बना ली गई है। ये दावा कितना सत्य है ये तो समय ही बतायेगा, लेकिन एक बात बिल्कुल सत्य वो ये कि कैंसर के इलाज में एक तत्व ने बहुत अहम भूमिका निभाई है। तत्व का नाम है ‘रेडियम’ जिसे 1898 में आज ही के दिन यानी 21 दिसम्बर को खोजा गया था। 1980 के दशक के शुरुआत तक रेडियम का उपयोग उन गहरे कैंसरों तक पहुंचने के लिए किया जाता था, जहां एक्स-रे नहीं पहुंच पाते थे।
फ्रांसीसी वैज्ञानिक मैरी क्यूरी और उनके पति पियरे क्यूरी की इस खोज ने न केवल विज्ञान को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि मेडिकल, फिजिक्स और केमिस्ट्री के क्षेत्र में क्रांति ला दी। रेडियम की खोज को 125 साल से अधिक हो चुके हैं, लेकिन इसका महत्व आज भी उतना ही है। यह न केवल विज्ञान के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है।
रेडियम की खोज की कहानी शुरू होती है ‘पिचब्लेंड’ से। मैरी क्यूरी, जो उस समय एक युवा वैज्ञानिक थीं, उन्होंने यूरेनियम की रेडियोएक्टिविटी पर अध्ययन करना शुरू किया। उन्होंने देखा कि यूरेनियम के अलावा भी पिचब्लेंड में एक और तत्व है जो तेज रेडियेशन फैलाता है।
लगभग चार साल तक अत्यंत लगन से रिसर्च करने के बाद उन्होंने रेडियम क्लोराइड को अलग करने में सफलता प्राप्त की। इसे उन्होंने “रेडियम” नाम दिया, जो लैटिन शब्द “रेडियस” से आया है, जिसका अर्थ है “किरण ।”
रेडियम का उपयोग कैंसर के इलाज में रेडियोथेरेपी के रूप में किया गया। यह पहली बार था जब विज्ञान ने यह समझा कि रेडियोएक्टिव तत्वों का उपयोग मानव शरीर की बीमार सेल्स को नष्ट करने के लिए किया जा सकता है। इस खोज ने यह साबित किया कि एटम अटूट नहीं हैं, और इससे एटम फिजिक्स का क्षेत्र भी और विकसित हुआ। आइंस्टीन और रदरफोर्ड जैसे वैज्ञानिकों ने भी इस खोज के आधार पर नए सिद्धांत दिए।
रेडियम की रेडियोएक्टिविटी ने एनर्जी प्रोडक्शन की अवधारणा को जन्म दिया। यह परमाणु ऊर्जा और एटम बम की खोज की नींव साबित हुआ। मैरी क्यूरी को रेडियम और पॉलोनियम की खोज के लिए 1903 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पहली बार था जब किसी महिला को विज्ञान के क्षेत्र में यह सम्मान मिला।
हालांकि इसके खतरनाक पहलू भी थे। रेडियम से निकलने वाले रेडियेशन ने कई वैज्ञानिकों और कामगारों की जान ले ली। मैरी क्यूरी के मौत की वजह भी रेडियम ही बना। उन्हें अप्लास्टिक एनीमिया हो गया था। माना जाता है कि ये लंबे समय तक रेडिएशन के संपर्क में रहने से होता है।
रेडियम की खोज ने आधुनिक भौतिकी और रसायन विज्ञान को नई दिशा दी। यह खोज परमाणु युग की नींव थी। आज भले ही रेडियम का उपयोग सीमित हो गया है, लेकिन इसके प्रभाव को हम हर जगह देख सकते हैं।