सभी खेलों के इतिहास में कई ऐसे खिलाड़ी हुए हैं जिनका खेल में तो कोई मुकाबला नहीं है लेकिन खुद उनका व्यक्तित्व ही उन्हें महान से महानतम बनने में रोड़ा बनता रहा। फ़िलहाल ऐसा ही कुछ पांच बार के विश्व चैंपियन और एक दशक से अधिक समय से विश्व के नंबर एक खिलाड़ी रहे मैग्नस कार्लसन के साथ भी देखने मिल रहा है। उनका नाम लगातार ऐसी चर्चा में जुड़ रहा है जो उनके कद को बिल्कुल शोभा नहीं देता।
हाल ही में कार्लसन पर FIDE के ड्रेस कोड का उल्लंघन करके जींस पहनकर आने के बाद उन पर जुर्माना लगाया गया और बाद में उन्हें विश्व रैपिड और ब्लिट्ज शतरंज से बाहर भी कर दिया गया। कार्लसन पर जींस पहनने के कारण 200 डॉलर का जुर्माना लगाया गया। टूर्नामेंट के नियमों के अनुसार जींस पहनना मना होता है। उन्होंने तुरंत कपड़े बदलकर आने का अनुरोध मानने से इनकार कर दिया तो उन्हें डिसक्वालीफाई कर दिया गया।
कार्लसन ने इसका जवाब देते हुए कहा कि वह ब्लिट्ज में भाग नहीं लेंगे क्योंकि FIDE की ड्रेस कोड नीति से वह तंग आ चुके हैं। उन्होंने नॉर्वे के मीडिया से कहा, वे सभी से माफी मांगना चाहते हैं। यह बेहद हास्यास्पद नियम है। वो कल कपड़े बदल सकते थे लेकिन FIDE सुनने को ही तैयार नहीं है।
हाल ही में जब भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश ने सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बनकर इतिहास की किताबों में अपना नाम दर्ज कराया तब भी कार्लसन ने गुकेश की जीत को कमतर आंका था।
गुकेश और कालर्सन अगले साल नॉर्वे चैंपियनशिप में 26 मई से 6 जून 2025 के बीच पहली बार एक-दूसरे के सामने होंगे। जब भास्कर ने गुकेश से पूछा तो उन्होंने कहा कि कार्लसन सर्वश्रेष्ठ हैं, मौका मिला तो उनके सामने बिसात पर खुद को परख लूंगा।
ऐसा ही एक और विवाद सामने आया था जब कार्लसन और ग्रैंडमास्टर हेंस नीमैन ने एक दूसरे पर धोखेबाजी के आरोप लगाये थे। कार्लसन ने साथ ही कहा कि वह ऐसे किसी प्रतिद्वंद्वी के विरुद्ध नहीं खेलेंगे जो इस तरह के गलत काम में लिप्त हो।
चाहे किसी बड़ी ऑर्गनाइजेशन के खिलाफ़ अभद्र टिप्पणी करना हो या फिर साथी खिलाडियों की प्रतिभा पर सवाल उठाना कार्लसन का बड़बोलापन कई बार उन्हें मुश्किल में फंसा चुका है। इसके अलावा उनकी इन्हीं हरकतों की वजह से लोग उनका उतना सम्मान नहीं करते जितना होना चाहिए।