रतन टाटा की वसीयत ने हाल ही में सभी का ध्यान खींचा है। इसमें 500 करोड़ रुपये का बड़ा हिस्सा मोहिनी मोहन दत्ता नामक व्यक्ति को देने का प्रावधान किया गया है। यह नाम आम लोगों के लिए नया है, लेकिन यह टाटा समूह और रतन टाटा के व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन से गहराई से जुड़ा है।
मोहिनी मोहन: टाटा समूह और ताज होटल्स से जुड़ा नाम
मोहिनी मोहन, टाटा समूह के पुराने सहयोगी और ताज ग्रुप से जुड़े व्यक्ति थे। वह Stallion Travel Agency से जुड़े थे, जो बाद में ताज होटल्स के साथ मर्ज हो गई थी। Stallion के काम और टाटा समूह के लिए उनके समर्पण ने उन्हें रतन टाटा के विश्वासपात्रों में शामिल कर दिया। उनका Hospitality सेक्टर में योगदान उल्लेखनीय था, जिसने ताज ग्रुप को नई ऊंचाइयों पर पहुंचने में मदद की।
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। वह टाटा समूह के सबसे प्रतिष्ठित चेयरमैन रहे, जिन्होंने कंपनी को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई। टाटा समूह की स्थापना 1868 में जमशेदजी टाटा ने की थी। ताज होटल्स की शुरुआत 1903 में मुंबई में हुई, जो आज भारत की सबसे प्रतिष्ठित Hospitality चेन है। रतन टाटा का निधन 9 अक्टूबर 2024 को हुआ, लेकिन उनकी वसीयत ने उनके जीवन से जुड़े कई अनकहे किस्सों को सामने लाया।