छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में, लंबे समय से सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ जारी है, जिसमें ताज़ा घटना में रविवार को 31 माओवादी ढेर कर दिए गए, वहीं 2 सुरक्षाकर्मी वीरगति को प्राप्त और 2 ज़ख्मी है। घायल खतरे से बाहर है और उन्हें बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर भेजने की तैयारी है।
कहां हुई गोलीबारी?
जानकारी के अनुसार, बीजापुर के इंद्रावती नेशनल पार्क में रविवार सुबह यह मुठभेड़ हुई, सुरक्षाबलों की एकजुट टीम नक्सल विरोधी अभियान पर थी। अब तक कुल 12 माओवादियों के शव बरामद कर लिए गए है। लाल आतंक के गढ़ में घुसकर हमारे वीरों ने ये कार्यवाही करी है।
बड़ी संख्या में हथियार बरामद
इस मुठभेड़ में बड़ी मात्रा में हथियार जैसे AK 47, SLR, INSAS राइफल, .303, BGL Launcher और विस्फोटक पदार्थ भी बरामद किए गए है। बीजापुर को सबसे अधिक नक्सल प्रभावी क्षेत्र माना जाता है और सुरक्षाकर्मियों ने इनके इस मज़बूत किले में घुसकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आंकड़े साझा करते हुए कहा कि पिछले 13 महीनों में कुल 925 नक्सलियों ने सरेंडर किया, 282 मारे गए और 1033 गिरफ्तार कर लिए गए।
पिछले समय की घटनाएं
इससे पहले जनवरी में भी इस तरह की 4-5 घटनाएं हो चुकी है, जिसमें 50 या उससे अधिक नक्सलवादी मारे जा चुके हैं।
सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित इलाका
बीजापुर सबसे अधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता है और सुरक्षाबलों ने इस मज़बूत किले में घुसकर इस कार्यवाही को अंजाम दिया, जिसे एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
बीजापुर में नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्यवाही जारी है और यह नक्सलवाद के विरुद्ध एक मज़बूत कदम के रूप में देखा जा रहा है। क्षेत्र की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये एक बहुत ज़रूरी कदम साबित हो सकता है।