होली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि भावनाओं, रंगों और खुशियों का संगम है। यह वह समय होता है जब रिश्तों में मिठास घुलती है, दुश्मनी दोस्ती में बदल जाती है और हर कोई रंगों में सराबोर होकर खुलकर हंसता और खेलता है। 2025 में होली 14 मार्च को मनाई जाएगी, जबकि 13 मार्च को होलिका दहन होगा।
होली का महत्व: रंगों से ज्यादा भावनाओं का त्योहार
होली का सबसे बड़ा संदेश है बुराई पर अच्छाई की जीत। होलिका दहन इसका प्रतीक है, जहां अहंकार और अन्याय की हार होती है। इसके अगले दिन रंगों से खेलकर हम यह जताते हैं कि जिंदगी में खुशियों के रंग बिखेरना ही असली जीत है।
होली की परंपराएं और उत्सव की धूम
होली से पहले घरों की साफ-सफाई की जाती है, जिससे न केवल घर बल्कि मन भी पवित्र होता है। होली के दिन बच्चे, बड़े, बुजुर्ग सभी एक-दूसरे को रंग लगाते हैं, नाचते-गाते हैं और साथ मिलकर स्वादिष्ट पकवानों का आनंद लेते हैं।
गुझिया, ठंडाई और होली की मिठास
गुझिया, मालपुआ, दही भल्ला, ठंडाई—ये सब मिलकर होली के स्वाद को और भी खास बना देते हैं। घर-घर में ये पकवान बनाए जाते हैं, जो इस त्योहार की मिठास को दोगुना कर देते हैं।
भाईचारे और प्रेम का संदेश
होली केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि रिश्तों को जोड़ने और दिलों की दूरियां मिटाने का मौका भी है। इस दिन पुराने गिले-शिकवे भुलाकर एक नई शुरुआत की जाती है। यही इस त्योहार की सबसे खूबसूरत बात है।
2025 की होली को सिर्फ रंगों तक सीमित न रखें, बल्कि इसे प्रेम, अपनापन और खुशियों से भर दें। सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण तरीके से होली मनाएं और इस त्योहार की असली भावना को महसूस करें।
The Fourth की तरफ़ से होली की हार्दिक शुभकामनाएं!