गुजरात के वडोदरा में 13 मार्च की रात एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। 20 साल के लॉ स्टूडेंट रक्षित रवीश चौरसिया ने अपनी तेज़ रफ्तार वोक्सवैगन कार से कई लोगों को टक्कर मार दी। इस हादसे में 35 साल की हेमाली पटेल की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
कैसे हुआ यह हादसा?
रात करीब 12:30 बजे, रक्षित स्पोर्ट्स मोड में कार चला रहा था और उसकी रफ्तार 100 किमी/घंटा से भी ज्यादा थी। अचानक, उसने नियंत्रण खो दिया और सड़क किनारे खड़े लोगों और दोपहिया वाहनों को टक्कर मार दी। जगह पर मोजूद लोगों के मुताबिक, टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि हेमाली पटेल करीब 10 फीट दूर जा गिरीं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
गाड़ी से उतरते ही आरोपी ने क्या कहा?
हादसे के बाद जब रक्षित चौरसिया कार से बाहर निकला, तो उसने गुस्से में चिल्लाना शुरू कर दिया। वह “another round”, “ॐ नमः शिवाय” जैसी बातें कह रहा था। जगह पर मोजूद लोगों के अनुसार, वह बिल्कुल भी डर या पछतावे में नहीं दिख रहा था और नशे की हालत में था।
कार और आरोपी ड्राइवर की जानकारी
रक्षित चौरसिया उत्तर प्रदेश के वाराणसी का रहने वाला है और वडोदरा की MSU यूनिवर्सिटी में लॉ का छात्र है। हादसे के वक्त उसके साथ मीत चौहान नाम का युवक भी कार में था, जो पारुल यूनिवर्सिटी का छात्र है और उसी कार का मालिक है।
लोगों ने आरोपी को पकड़कर पीटा, फिर पुलिस को सौंपा
हादसे के तुरंत बाद, स्थानीय लोग गुस्से में आ गए और आरोपी को कार से खींचकर बाहर निकाला। गुस्साए लोगों ने उसे थप्पड़ मारे और पुलिस आने तक पकड़कर रखा। लोगों का कहना था कि रक्षित नशे में था और अजीब तरह से बर्ताव कर रहा था।
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
पुलिस ने रक्षित और मीत के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनके ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। वडोदरा के पुलिस कमिश्नर नरसिम्हा कोमार ने बताया कि फोरेंसिक टीम हादसे की गहराई से जांच कर रही है।
सोशल मीडिया पर भड़का गुस्सा
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिससे लोगों में भारी आक्रोश है। लोग #JusticeForHemali और #VadodaraHitAndRun जैसे हैशटैग के साथ कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं।
आरोपी की सफाई – “स्पोर्ट्स मोड में थी कार”
पुलिस हिरासत में रक्षित ने कहा कि कार स्पोर्ट्स मोड में थी, इसलिए वह कंट्रोल नहीं कर पाया। उसने यह भी दावा किया कि एयरबैग खुलने की वजह से उसका ध्यान भटक गया था। हालांकि, पुलिस उसकी सभी दलीलों की जांच कर रही है।
मृतका के परिवार का बयान
हेमाली पटेल का परिवार इस हादसे से पूरी तरह टूट चुका है। उनके पति और बच्चे गहरे सदमे में हैं। परिवार ने आरोपी को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है।
यह सिर्फ एक सड़क हादसा नहीं था, बल्कि लापरवाही और गैरजिम्मेदारी का एक खौफनाक नतीजा था, जिसकी कीमत एक निर्दोष महिला को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। आए दिन ऐसी घटनाएं होती हैं, जहां शराब के नशे में या तेज़ रफ्तार में गाड़ी चलाने वाले युवा मासूम जिंदगियों को खतरे में डालते हैं।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कानून इस मामले में कोई मिसाल कायम करेगा? क्या ऐसे हादसों के दोषियों को इतनी सख्त सजा मिलेगी कि आने वाले समय में कोई और युवा गैर-जिम्मेदाराना तरीके से गाड़ी चलाने से पहले हजार बार सोचे? अगर अब भी कानून ने ढील बरती, तो न जाने कितने और निर्दोष लोग सड़क पर अपनी जान गंवाएंगे। यह समाज के लिए एक चेतावनी है कि लापरवाह ड्राइविंग को हल्के में लेना अब और ज्यादा खतरनाक हो सकता है।