राजस्थान के भीलवाड़ा ज़िले से सिविल सेवा का सपना लेकर निकला एक साधारण युवक, राजकुमार जाट। जिसकी आंखों में अफसर बनने की चमक थी और जो हर संघर्ष के बावजूद अपना लक्ष्य पाने की ओर बढ़ रहा था। लेकिन मार्च 2025 की शुरुआत में उसकी अचानक मौत ने पूरे इलाके को हिला दिया। 4 मार्च को लापता हुआ राजकुमार, कुछ दिन बाद गुजरात के राजकोट में मृत पाया गया। परिवार का आरोप है कि यह कोई हादसा नहीं बल्कि साज़िश के तहत की गई हत्या है। इस केस में एक राजनीतिक परिवार पर आरोप लगे हैं और पूरे गाँव, परिवार व समाज में आक्रोश है।
राजकुमार के अधूरे सपने
भीलवाड़ा ज़िले के झाबरकिया गांव निवासी रतनलाल पिछले 30 सालों से गुजरात के राजकोट में फास्ट फूड का ठेला लगाते हैं। उनका बेटा राजकुमार मेहनती और पढ़ाई में तेज़ था। उसने ठान रखा था कि वो UPSC पास कर अफसर बनेगा और अपने परिवार का नाम रोशन करेगा। गरीबी और कठिनाइयों के बावजूद राजकुमार पढ़ाई में लगा रहा। पिता का सपना था कि उनका बेटा वह सब हासिल करे, जो वो नहीं कर पाए।
झगड़े की शुरुआत बनी साज़िश की आशंका
परिवार ने बताया कि राजकुमार का कुछ समय पहले एक स्थानीय बीजेपी नेता के बेटे और उसके दोस्तों से झगड़ा हुआ था। कहा जा रहा है कि राजकुमार ने किसी गलत बात का विरोध किया था, जिसके बाद से ही वह टारगेट पर आ गया। उस झगड़े में राजकुमार को धमकाया भी गया था। इसी के बाद 4 मार्च को वो अचानक लापता हो गया। जब उसका शव मिला, तो शरीर पर कई गहरे घाव थे, जिन्हें देखकर यह कहना मुश्किल था कि यह कोई सामान्य दुर्घटना है।
गुजरात पुलिस की रिपोर्ट से परिवार की नाराज़गी
राजकोट पुलिस का कहना है कि यह मामला एक रोड एक्सीडेंट का है और उसी आधार पर पोस्टमार्टम भी किया गया। लेकिन राजकुमार के पिता रतनलाल ने इसे खारिज कर दिया। उनका कहना है कि उनके बेटे को साज़िश के तहत मारा गया। परिवार ने मांग की कि मामले की जांच CBI से होनी चाहिए और दोषियों को सज़ा मिलनी चाहिए।
गंगापुर पुलिस ने zero FIR दर्ज की, लेकिन केस गुजरात का होने के कारण FIR वहीं ट्रांसफर कर दी गई। परिजनों ने दोबारा पोस्टमार्टम की मांग की, लेकिन उस पर मंज़ूर नहीं हुई।
सांसद और विधायक की प्रतिक्रिया
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और गुजरात के मुख्यमंत्री को टैग करते हुए सोशल मीडिया पर CBI जांच की मांग की और कहा कि यह प्रवासी राजस्थानियों की सुरक्षा का मामला है। वहीं भीलवाड़ा जिले से बीजेपी विधायक लाडूलाल पितलिया ने विधानसभा में यह मामला उठाते हुए कहा कि अगर किसी प्रवासी की मौत दूसरे राज्य में होती है तो पोस्टमार्टम उसके राज्य में भी होना चाहिए।
राजकुमार का टूटता परिवार
राजकुमार का शव जब उसके गांव पहुंचा, तो गांव में मातम पसर गया। माता-पिता, रिश्तेदार और गांव के लोग सदमे में थे। एक पढ़ा-लिखा, स्वाभिमानी लड़का, जो सिर्फ आगे बढ़ना चाहता था, उसकी मौत के पीछे राजनीतिक रंजिश की बातें लोगों को विचलित कर रही थीं। रतनलाल ने कहा कि वो अपने बेटे की चिता को शांत दिल से नहीं जला सके—क्योंकि उन्हें अब भी इंसाफ की उम्मीद है।
राजकुमार की मौत सिर्फ एक बेटे की मौत नहीं, वो उन लाखों युवाओं की कहानी है जो ईमानदारी और मेहनत के दम पर अपने जीवन को बदलना चाहते हैं। लेकिन जब राजनीतिक ताकतें, दबाव और failed सिस्टम ऐसे युवाओं को परेशान कर ने लगे, तो ये देश के लिए चिंता का विषय बन जाता है।
यह समय है कि सच्चाई सामने लाई जाए, दोषियों को सज़ा मिले और राजकुमार जैसे हर बेटे के सपनों को मरने न दिया जाए। एक परिवार ने जो खोया है, उसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती, लेकिन इंसाफ मिलना चाहिए ताकि कोई और राजकुमार इस सिस्टम की भेंट न चढ़े।