उज्जैन। अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहने वाले मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव एक जमीन मामले में उलझते दिख रहे हैं। उन पर आरोप लगा है , कि अपनी बेशकीमती जमीन सरकार के प्लान में ना आए इसलिए उन्होंने उसका लैंड यूज़ बदलवा दिया। उज्जैन में सिंहस्थ के लिए तय की गई 872 एकड़ जमीन में से 185 एकड़ जमीन का यूज बदलकर अलग कर दिया गया है। इस 185 में 29 एकड़ जमीन मंत्री डॉ. मोहन यादव, उनकी फर्म, पत्नी और बहन के नाम है। दस्तावेजों के मुताबिक कुछ जमीन पर इनके नौकरों के भी नाम भी हैं।
मास्टर प्लान में गड़बड़ी का आरोप !
आरोप है कि मंत्री और रिश्तेदारों को के लिए ही उज्जैन के मास्टर प्लान-2035 में बदलाव किया गया है। सिंहस्थ की इस जमीन का यूज बदलकर आवासीय कर दिया गया है, ताकि यहां कॉलोनियां बन सके। आरोप यह भी है कि मंत्री के लिए ही प्लान करीब दो साल तक अटका रहा। आने वाले सिंहस्थ में 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, इसलिए ज्यादा जमीन की जरूरत होगी।
इन गांवों में हुई जालसाजी
शक्करवासा, सावराखेड़ी व दाउदखेड़ी आदि गांव की जमीनों के लैंड्यूज भी बदले गए। इस पर कांग्रेस पार्षद ने शासन में शिकायत की है।
मंत्री ने रखी अपनी बात
मंत्री मोहन यादव ने कहा कि यह सब आरोप निराधार हैं। जिस जमीन की बात की जा रही है वह पार्किंग क्षेत्र में आती है। रहा सवाल मास्टर प्लान का तो इसमें पूरी प्रक्रिया फॉलो की गई है। दरअसल कुछ लोग चाहते हैं सिहस्थ के नाम पर जमीन रिजर्व हो जाए और बाद में उस पर अवैध कॉलोनी काट सकें।