WTC फाइनल में भारतीय टीम को करारी हार मिली, भारतीय टीम मैच मे शुरू से अंत तक पिछड़ी ही रही। हार की वजह से कई सवाल भी उठे लेकिन जो बात किसी को समझ नही आयी वो थी वर्ल्ड के नंबर-1 टेस्ट गेंदबाज अश्विन भारतीय प्लेइंग इलेवन में शामिल ना किया जाना, फैन्स से लेकर कई पूर्व क्रिकेटर्स भी इस बात से हैरान थे। यहां तक की सचिन तेंदुलकर ने भी ट्वीट कर अश्विन के न खेलने पर सवाल खड़े कर दिए थे, कई लोगों का मानना है कि भारतीय टीम को फाइनल में मिली हार की वजहों मे से एक अश्विन का न खेलने भी रहा है।
अश्विन ने तोड़ी पहली बार चुप्पी
अश्विन ने फाइनल मैच नहीं खेलने पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। अश्विन ने कहा कि वह फाइनल मुकाबला खेलना पसंद करते, लेकिन यह कप्तान और कोच का निर्णय था। अश्विन ने बताया, ‘मैं इस निर्णय को कप्तान और कोच के नजरिए से देख रहा हूं। पिछली बार जब हम इंग्लैंड में थे, तो 2-2 से सीरीज ड्रॉ रहा था। उन्हें लगा होगा कि इंग्लैंड में 4 पेसर और 1 स्पिनर का संयोजन सटीक है। फाइनल मुकाबले से पहले उन्होंने यही सोचा होगा. समस्या एक स्पिनर के गेम में आने की है, यह चौथी पारी होनी चाहिए। चौथी पारी काफी महत्वपूर्ण पहलू है, हम इतना रन बनाने में सक्षम हों ताकि स्पिनर खेल में आ सके, यह पूरी तरह से मानसिकता की बात है।’
रिटायर्मेंट के बाद पछतावा रहेगा – अश्विन
अश्विन आगे कहते हैं कि ऐसा सोचना बहुत बचकाना था लेकिन उन्होंने ऐसा ही सोचा। इसी वजह से वो ऑफ-स्पिन गेंदबाजी करने लगे. कल जब वो रिटायर होंगे तो उन्हें इसी एक बात का पछतावा होगा। अश्विन ने कहा कि इतना अच्छा बल्लेबाज होने के बाद, उन्हें कभी गेंदबाज नहीं बनना चाहिए था। हिन्दुस्तान टाइम्स को दिए इस इंटरव्यू में अश्विन ने और भी बहुत कुछ कहा। फिलहाल अश्विन तमिलनाडु प्रीमियर लीग में खेल रहे हैं जिसमें वो डिंडिगुल ड्रेगन टीम के कैप्टन है।