रूस मे सिविल वार के हालात बन गए है। पुतिन की प्राइवेट आर्मी कही जाने वाली आर्मी वैगनर ग्रुप के विरोधी तेवर देख रूस मे अफरा-तफरी का माहौल बन गया है। ये वही वैगनर ग्रुप है जिसने यूक्रेन युद्ध में रूस को सफलता दिलाने मे मदद की थी उसी ने रूस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। तख्तापलट की आशंका के बीच मास्को में भारी संख्या में सेना को तैनात कर दिया गया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि वह विद्रोह करने वालों को कुचल देंगे।
क्या है वैगनर ग्रुप का इतिहास?
प्राइवेट मिलिशिया वैगनर ग्रुप। वैगनर ग्रुप को कभी पुतिन की प्राइवेट आर्मी कहा जाता था, लेकिन आज वो उनके लिए ही खतरा बनती नजर आ रही है। इस ग्रुप के लड़ाकों ने यूक्रेन में रूसी सेना के साथ मिलकर युद्ध भी लड़ा है। इस दौरान वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन कई बार रूसी सेना की आलोचना भी कर चुके हैं। उनका आरोप था कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में हथियार उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। इस आरोप से जुड़े कई वीडियो भी येवगेनी प्रिगोझिन ने जहां तक वैग्नर ग्रुप की बात है, उसका ज़िक्र सबसे पहले 2014 में आया था. क्रीमिया पर क़ब्ज़े में वैग्नर ग्रुप ने रूसी सेना की मदद की थी। उसके बाद से ये नाम मोज़ाम्बिक़, लीबिया, सीरिया, सेंट्रल अफ़्रीकन रिपब्लिक , माली, सूडान और मैडागास्कर जैसे देशों में भी उभरा है। इनमें से कई देश सिविल वॉर से जूझ रहे हैं, जबकि बाकी देशों में स्थिरता का संकट है। वैग्नर ग्रुप इन देशों में लड़ाके और ट्रेनर भेजकर संबंधित पक्ष की मदद करता है। इसके बदले में उन्हें पैसा मिलता है।
कौन है वैगनर ग्रुप का हेड येवगेनी प्रिगोझिन?
येवगेनी प्रिगोझिन का जन्म साल 1961 में लेनिनग्राड में हुआ था। लेनिनग्राड को आज हम सेंट पीट्सबर्ग के नाम से जानते हैं। साल 1981 में येवगेनी को मारपीट, डकैती और धोखाधड़ी का दोषी पाए जाने पर 13 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि सोवियत यूनियन के पतन के बाद येवगेनी को 9 साल की सजा के बाद ही रिहा कर दिया गया था। जेल से बाहर आने के बाद येवगेनी ने एक छोटा सा बिजनेस शुरू किया और हॉट डॉग का स्टॉल लगाया। इसके बाद येवगेनी ने एक रेस्तरां खोला। जल्द ही येवगेनी का रेस्तरां काफी प्रसिद्ध हो गया। येवगेनी के रेस्तरां की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि खुद रूसी राष्ट्रपति पुतिन विदेशी मेहमानों को इस रेस्तरां में खाना खिलाने ले जाने लगे। इस तरह येवगेनी रूसी राष्ट्रपति पुतिन के करीब आया। येवगेनी प्रिगोझिन ने ही रूसी सेना के समर्थन से एक प्राइवेट आर्मी बनाई, जिसे वैगनर ग्रुप का नाम दिया गया। इस प्राइवेट आर्मी में रिटायर्ड सैन्य अधिकारी, जवानों को शामिल किया गया। आरोप लगे कि वैगनर ग्रुप में अपराधियों को भी शामिल किया गया। येवगेनी प्रिगोझिन को पुतिन के विश्वासपात्र के रूप में जाना जाता था, क्योंकि प्रिगोझिन और पुतिन बहुत पुराने दोस्त हैं। दोनों का जन्म लेनिनग्राद में हुआ था। येवगेनी प्रिगोझिन को पुतिन के शेफ के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि उनके स्वामित्व वाले रेस्तरां क्रेमलिन के लिए सेवा प्रदान करते हैं।
विरोधी सुर को ‘मार्च ऑफ जस्टिस’ कहा।
प्रिगोझिन ने अपने लोगों के इस सशस्त्र मार्च को सैन्य तख्तापलट नहीं, बल्कि ‘न्याय का मार्च’ कहा है। राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी समिति, जो संघीय सुरक्षा सेवाओं या एफएसबी का हिस्सा है, ने प्रिगोझिन पर सशस्त्र विद्रोह का आह्वान करने का आरोप लगाया, जिसके लिए 20 साल तक की जेल की सजा हो सकती है।