फ्रांस, पुलिस फायरिंग में 17 वर्षीय युवक के मारे जाने के बाद देश में हिंसा भड़क उठी है। लगातार तीसरे दिन भी जारी हिंसा में करीब 100 बिल्डिंग्स पर पथराव हुआ है और उनमें आग लगा दी गई है। दर्जनों कारों और अन्य वाहनों को जलाकर खाक कर दिया गया है। हिंसा को नियंत्रित करने के प्रयास में 170 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।
पुलिस अधिकारी ने परिवार से मांगी माफी
किशोर की गोली मारकर हत्या करने वाले पुलिस अधिकारी ने परिवार से माफी मांगी है। उसके वकील ने यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारी पर स्वैच्छिक हत्या का आरोप भी लगाया गया है। दो मजिस्ट्रेट जांच का नेतृत्व कर रहे हैं।
180 उपद्रवी गिरफ्तार
फ्रांस में पथराव और पुलिस कार्रवाई में भी बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने 180 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए देश में 40 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, केवल पेरिस में पांच हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
27 जून की है घटना
पुलिस फायरिंग की घटना 27 जून की शाम की है, जब उपनगर के एक स्टाप पर पुलिस ने कार सवार उत्तर अफ्रीकी युवक को रोका। थोड़ी कहा सुनी के बाद युवक जब जाने को तैयार हुआ तो वहां तैनात पुलिसकर्मी ने उसे गोली मार दी। मारे गए युवक का नाम नाहेल बताया गया है। इस घटना का फुटेज और विडिओ वायरल होने के बाद शुरू हुई हिंसा पूरे देश में फैल गई। इससे पहले, पुलिस ने बताया था कि, युवक ने एक अफसर पर कार चढ़ाने की कोशिश की थी, जिसके बाद बचाव में उसे गोली मारी गई थी।
नाहेल के पास नहीं था ड्राइविंग लाइसेंस
गृह मंत्री जेराल्ड डरमनिन ने बताया है कि, देश के ज्यादातर शहरों और कस्बों में प्रतिक्रियास्वरूप हिंसक घटनाएं और प्रदर्शन हो रहे हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि मृतक नाहेल के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था और सोमवार को पुलिस ने उसे चेतावनी दी थी, लेकिन चेतावनी को नकारते हुए वह मंगलवार को फिर भी कार लेकर निकला गया था। ये दंगे मैक्रॉन के लिए एक नई चुनौती हैं जो सेवानिवृत्ति की आयु में विवादास्पद वृद्धि के कारण हुए पीढ़ी के कुछ सबसे बड़े प्रदर्शनों से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे।
राष्ट्रपति मैक्रों ने की स्थिति की समीक्षा
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की है। इसी के बाद बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती भी किया गया है। स्थिति से निपटने के लिए सामान्य से चार गुना ज्यादा संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती हुई है।
उपद्रवियों से सख्ती से निपटा जाएगा: गृह मंत्री
गृह मंत्री ने कहा है कि उपद्रवियों से सख्ती से निपटा जाएगा। इस हिंसा को फ्रांस में पुलिस के हिंसक और नस्लभेदी व्यवहार की प्रतिक्रिया माना जा रहा है। समाज विज्ञानियों के अनुसार, आतंकवाद के शिकार फ्रांस में पिछले कई वर्षों मंय सुरक्षा एजेंसियों के व्यवहार में यह बदलाव महसूस किया गया है।