इंडियन क्रिकेट टीम के नए चीफ सिलेक्टर की कुर्सी भर चुकी है, पूर्व क्रिकेटर अजित आगरकर ने दायित्व सम्भालने के 24 घंटे बाद ही वेस्टइंडीज दौरे के लिए T20 स्क्वाड की घोषणा कर दी है। स्पिन डिपार्टमेंट जितना मजबूत नजर आ रहा है, फास्ट बोलिंग उतनी ही साधारण। इस नई टीम मे वर्कलोड मैनेजमेंट के बहाने किसी भी सीनियर खिलाड़ी को जगह नहीं दी गई है। टीम मे जिन नए चेहरों को मौका मिला, उनमे सबसे ज्यादा चर्चा मे है। यशस्वी जायसवाल और तिलक वर्मा। जिस तरह से यशस्वी का IPL सीजन बिता ये बात लगभग तय ही थी कि वो जल्द टीम मे नजर आयेंगे। लेकिन जिस बात से बहुत लोग नाखुश है वो है रिंकू सिंह और ऋतुराज गायकवाड़ के टीम मे ना होने की । रिंकू ने इस सीजन अनोखा फॉर्म दिखाया था ना सिर्फ IPL बल्कि डोमेस्टिक मे भी। वहीं गायकवाड़ लगातार तीन सीजन से टॉप स्कोरर्स की लिस्ट मे बने रहते हुए एक रिलायबल खिलाड़ी के रूप मे उभरे हैं। चलिए मान लेते है कि टीम मे तीन ओपनर पहले से है इस कारण आपने ऋतुराज को पीछे छोड़ दिया लेकिन टीम अगर तिलक वर्मा को नंबर 3 पर खिलाने की नही सोच रही,जिसकी उम्मीद ज्यादा है, तो वैसे मे नंबर 5,6 और 7 के लिए क्या रिंकू सिंह उनसे बेहतर विकल्प नहीं थे। इंडियन सिलेक्टर्स भविष्य की टीम तैयार करने मे जुटे हुए हैं ये ठीक है लेकिन हर बार वे कुछ ऐसे सिलेक्शन करते है जिनके पीछे का लॉजिक उनके अलावा और किसी के समझ नहीं आता।
क्या अपने करियर का आखिरी T20I खेल चुके है रोहित – विराट?
इंडियन क्रिकेट टीम के लिए आने वाले दिन बेहद अहम होने वाले हैं क्योंकि ये बदलाव और नयी इंडियन टीम की बुनियाद तैयार करेंगे। वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम अनाउंस कर दी गई है। सीनियर खिलाड़ियों के नाम पर सूर्या, सैमसन और कप्तान हार्दिक पांड्या ही है। हैरान करने वाली बात होनी चाहिए थी। कोहली और रोहित का टीम मे ना होना लेकिन ऐसा नही हुआ। क्यूंकि ऑस्ट्रेलिया में खेले गए टी20 वर्ल्डकप के बाद से ही इस बात की आशंका थी कि रोहित और विराट अब इस फॉर्मेट में नहीं या ना के बराबर ही खेलते नजर आएंगे। और शायद अब उस बात पर लगभग मुहर लग गई है। पिछले साल नवंबर में हमने आखिरी बार दोनों को इंडियन कलर्स मे देखा था। उसके बाद से टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड के साथ दो सीरीज, श्रीलंका के साथ एक और अब वेस्टइंडीज के साथ सीरीज खेलने वाली है, ये लगातार चौथी सीरीज है जिसमें दोनों ही खिलाडियों को नहीं लिया गया है। बहाना वर्कलोड का दिया जाता है लेकिन भविष्य की तस्वीर मैनेजमेंट के दिमाग मे बन चुकी है और वे उसी तरफ अग्रसर भी हैं। T20 की कप्तानी भी अब हार्दिक पांड्या ही करते नजर आयेंगे। बल्कि आने वाले वनडे वर्ल्ड कप मे अगर भारत की टीम साधारण प्रदर्शन करती है तो सिलेक्टर्स वनडे की कप्तानी के बारे मे विचार करेंगे। इन दोनों के अलावा अश्विन सहित कई सीनियर खिलाड़ियों के ‘भविष्य’ पर भी चर्चा होगी। तो ये मान लेना बहुत गलत नहीं होगा कि शायद हमने इन खिलाडियों को उनके करियर का अखिरी T20 मैच खेलते देख लिया है।
टेस्ट मे सिलेक्शन का पैमाना रणजी या IPL?
इससे पहले 23 जून को BCCI वेस्ट इंडीज दौरे के लिए टेस्ट और वनडे टीम की घोषणा की थी। सबसे हैरान और दिल तोड़ने वाली बात थी रणजी ट्रॉफी मे रनों का अंबार लगा चुके सरफराज खान का सिलेक्ट ना होना। सरफराज के सपोर्ट मे कयी पूर्व खिलाडियों ने ट्वीट कर सिलेक्शन कमेटी पर सवाल उठाये है।
भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने सरफ़राज़ के मामले में चयनकर्ताओं के साथ चयन के लिए आईपीएल में प्रदर्शन को पैमाना बनाने की भी आलोचना की है।
वसीम जाफ़र ने ट्वीट किया, “चार ओपनर बल्लेबाजों की क्या ज़रूरत है? इसके बजाय वे (चयनकर्ता) सरफ़राज़ को उनके लगातार घरेलू प्रदर्शन का सम्मान करते हुए मध्य क्रम के अतिरिक्त बल्लेबाज़ के तौर पर चुन सकते थे”
आकाश चोपड़ा ने लिखा, ”क्या सरफराज को ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा जिसने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में रनों का पहाड़ खड़ा किया और फिर भी उसे कभी भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला? मैं आशा करता हूं कि ऐसा न हो। मुझे उम्मीद है कि चुने जाने के लिए उसे और क्या करने की जरूरत है, यह उसे बता दिया जाएगा।अन्यथा। प्रथम श्रेणी क्रिकेट (भारतीय क्रिकेट का दिल और आत्मा) की पवित्रता खो जाएगी।
बहुत लंबे समय से सिलेक्शन कमेटी अपने फैसलों की वजह से सवालों के घेरे मे बनी रही है। अजित आगरकर की लीडरशिप मे ये सूरत बदलेगी ऐसी उम्मीद है।