मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा गवर्नमेंट हॉस्पिटल कहे जाने वाला एम वाय हॉस्पिटल किसी न किसी वजह से हमेशा चर्चाओं में बना रहता है। चाहे वो इलाज मे लापरवाही की बात हो या लगातार सबसे ज्यादा बार स्वच्छता का तमगा जीतने वाले शहर मे स्थित होने के बावजूद गंदगी के मामले मे। कुछ समय से प्रोटेस्ट करने का मैदान भी बना हुआ है।
बहरहाल, हाल ही में मध्य प्रदेश साल उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जिला अस्पतालों को सम्मानित किया गया। ये सम्मान अस्पतालों के कायाकल्प अभियान के तहत किया गया था। महू और शिप्रा के अस्पतालों को सम्मानित किया लेकिन इंदौर लिस्ट से ही बाहर रहा।
इंदौर के जिला अस्पताल की खामियों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस क्षेत्र में आने वाले 17 पुलिस थानों के शवों को रखने के लिए अस्पताल में डीप फ्रीजर की व्यवस्था तक नहीं है।
सुस्त रवैये है बदहाली की वजह
दरअसल मध्य प्रदेश सरकार के सुस्त रवैया के कारण ही जिला अस्पताल के भवन निर्माण में तो लापरवाही हो ही रही है। वहीं अब डॉक्टरों और अधिकारी अपनी मनमानी करने पर उतारू है। हाल ही में जिला अस्पताल की मर्क्युरी में कई शव क्षत विक्षत अवस्था में पाए गए थे।