नई दिल्ली। ‘‘न्यायाधीशों को जो विशेष सुविधाएं मिली हैं, उनका इस तरह दुरुपयोग नहीं हो कि आम जनता को परेशानी हो… और न्यायालय की इज्जत पर आंच आए।’’ चीफ-जस्टिस डी.वाय. चंद्रचूड़ ने इस आशय का पत्र सभी न्यायाधीशों को लिख कर चेताया है कि प्रोटोकॉल का गलत इस्तेमाल नहीं किया जाए। दो दिन पहले हाइकोर्ट जज, पत्नी के साथ रेल-यात्रा कर रहे थे, तो रेल देर से चली। इस पर उन्होंने जवाब-तलब कर लिया। कई अधिकारियों को तलब किया और नाराजी जता दी। चीफ-जस्टिस ने कहा- कोर्ट में ‘मी लार्ड’ का मतलब यह नहीं है कि सभी जगह आपको विशेष दर्जा दिया जाए।
ये था पूरा मामला
ट्रेन लेट होने के बाद इलाहाबाद हाइकोर्ट के जज ने रेलवे को चिट्ठी लिख कर फटकार लगाई थी। इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने जज को डपटा है। चीफ जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ ने जज को लिखा कि प्रोटोकॉल आपका प्रिवलेज नहीं है। इसका इस्तेमाल समझदारी से होना चाहिए। ये भी समझा दिया गया कि खुद को सबसे ऊपर नहीं मानें। मामला आठ जुलाई का है। जज, परिवार के साथ दिल्ली से प्रयागराज जा रहे थे। ट्रेन तीन घंटे लेट हो गई। कुछ बदइंतजामी भी हुई। इस पर नाराज जज ने रेलवे की मुश्किल कर दी थी। अब विभागीय जांच बैठ गई है। दो दिन बाद सीजेआई ने जज को समझाइश दी है।