कॉन्जंक्टाइवाइटिस (आई फ्लू अथवा नेत्र संक्रमण या आंख का आना) आज कल बड़ा ही आम हो गया है। दिल्ली जैसे शहरों में एक दिन में क़रीब 100 मामले अस्पताल में मिल रहे है। एसे में लोगो के मन में यह सवाल आना आम है की क्या होता है कॉन्जंक्टाइवाइटिस? इसको लेकर लोगो में बहुत मिथक भी है। तो आइए जानते है क्या है कॉन्जंक्टाइवाइटिस।
कारण:
कॉन्जंक्टाइवाइटिस एक आम आंख की बीमारी है जो ज्यादातर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होती है। इसमें आंखों के सफेद भाग और पलकों के आसपास लाल रंग के संक्रमित होने का प्रकाशन होता है। यह रोग आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
लक्षण:
० एक या दोनों आंखों का लाल या गुलाबी दिखाई देना।
० एक या दोनों आंखों में जलन या खुजली होना।
० आसामान्य रूप से अधिक आंसू निकलना।
० आंखों से पानी जैसा या गाढ़ा डिस्चार्ज निकलना।
० आंखों में किरकिरी महसूस होना।
० आंखों में सूजन आ जाना, यह आमतौर पर एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस के लक्षण हैं।
रोग कैसे फैलता है:
॰ संपर्क से: जब संक्रमित व्यक्ति की आखों के फ्लूइड डिस्चार्ज (जैसे की आसु) के संपर्क में आ जाये।
॰ हाथों के माध्यम से: संक्रमित व्यक्ति के हाथ छुए हुए सतहों को छूने के बाद, अगर वह अपने आंखों को छूता है तो रोग फैलता है।
॰ वस्तु से: एक संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुए हुई वस्तु जैसे की रूमाल, कपड़े, गिलास, आदि छूने से भी फैलता है।
० छीकने या खासने से: संक्रमित व्यक्ति अगर गलती से आपके ऊपर छीक दे या ख़ास दे तो भी कॉन्जंक्टाइवाइटिस हो सकता है।
मिथक:
॰ मिथक 1: कॉन्जंक्टाइवाइटिस सिर्फ बच्चों को होता है।
॰ मिथक 2: संक्रमित व्यक्ति की आखों में देखने से कॉन्जंक्टाइवाइटिस हो जाता है।
॰ मिथक 3: कॉन्जंक्टाइवाइटिस को अपने आंखों को बार-बार धोकर ठीक किया जा सकता है।
सावधानियाँ:
० अपनी आंखों को अपने हाथों से न छुएं, यदि छुए तो हाथों को अवश्य रूप से धोएं
० स्विमिंग पूल और तालाबों के प्रयोग से बचें
० कांटेक्ट लेंस पहनना बंद करें और अपने नेत्र चिकित्सक के सलाहनुसार ही शुरू करें
० आंखों के सौंदर्य प्रसाधनों का प्रयोग न करें
० साफ हाथों से अपनी आंखों के आसपास किसी भी तरह के स्त्राव को दिन में कई बार साफ गीले कपड़े से धोएं उपयोग किए गए कपड़े को गर्म पानी से धोएं।
० अपने हाथों को बार-बार धोएं।
० अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया, कॉस्मेटिक्स आदि को किसी से साझा न करें।
० अपने रूमाल, तकिये के कवर, तौलिये आदि चीजों को रोज़ धोएं।
० यदि आंखों में लालीमा हो तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से परामर्श ले डॉक्टर के सलाह के बिना कोई भी ड्रॉप का उपयोग ना करें।