भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के तहत इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल ही में यंग प्रोफेशनल योजना शुरू की है। इस योजना के तहत संसाधनों को मजबूत करना और कर मुकदमेबाजी प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना है। यह योजना कानून और अकाउंटेंसी में युवा ग्रेजुएट्स के लिए इस क्षेत्र का बहुमूल्य ज्ञान सीखने और हासिल करने के अवसर के लिए है। अगर आपको भी इनकम टैक्स से जुड़े उन कुछ विषयों की अच्छी जानकारी है, तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ काम करने का मौका मिल सकता है। यह डिपार्टमेंट की इस तरह की पहली स्कीम है।
युवा सीए और वकीलों के लिए मौका
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस स्कीम को लेकर हाल ही में एक पॉलिसी पेपर इश्यू किया है। डिपार्टमेंट ने मिशन को यंग प्रोफेशनल स्कीम नाम दिया है। इस स्कीम के जरिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट लॉ और अकाउंटेंसी की जानकारी रखने वाले युवाओं को अपने साथ जोड़ना चाहती है। इसका मतलब हुआ कि युवा चार्टर्ड अकाउंटेंट और वकीलों को आने वाले दिनों में सीधे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से जुड़ने का मौका मिल सकता है।
35 साल तक के लोगों के लिए चांस
पॉलिसी पेपर के अनुसार, अभी यह स्कीम दो साल के लिए होगी। स्कीम दो सालों में किस तरह के रिजल्ट देती है, उसके आधार पर स्कीम को आगे बढ़ाने या ना बढ़ाने का फैसला लिया जाएगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अभी 50 ऐसे प्रोफेशनल को हायर करेगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस स्कीम के तहत अपने साथ जुड़ने वाले अकाउंटेंसी व लॉ प्रोफेशनल्स की उम्र की अधिकतम सीमा 35 साल तय की है।
डिपार्टमेंट के लिए करना होगा ये काम
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पॉलिसी पेपर के अनुसार, स्कीम के तहत हायर किए जाने वाले युवा प्रोफेशनल विभिन्न प्लेटफॉर्म पर डिपार्टमेंट के प्रतिनिधित्व में मदद करेंगे। खासकर इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल के सामने की गई अपील के मामलों में ऐसे पेशेवर रिसर्च करने में मदद करेंगे और रेवेन्यू टीम की दलीलों को ठोस बनाएंगे।
हर महीने मिलेगा इतना स्टाइपेंड
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि, उसके साथ यंग प्रोफेशनल स्कीम के तहत जुड़ने वाले युवा पेशेवरों को स्टाइपेंड के तौर पर हर महीने 40 हजार रुपये दिए जाएंगे। इन्हें हायर करने के बाद डिपार्टमेंट हर किसी के लिए मेंटॉर असाइन करेगा, जो युवा पेशेवरों को डिपार्टमेंट का काम समझाएंगे। ये पेशेवर विभिन्न मामलों में आईटीएटी की अलग-अलग बेंच के द्वारा दिए गए फैसलों की स्टडी करेंगे। अभी देश भर में 27 जगहों पर आईटीएटी की 63 बैच काम कर रही हैं।