दुनियाभर के क्रिकेट मैच एक तरफ़ और इंडिया-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच एक तरफ़। दोनों ही देशों के लोगों की नसों में क्रिकेट दौड़ता है। क्रिकेट के पीछे हर उम्र के लोग दीवाने हैं। 14 और 15 अगस्त को जब देश का विभाजन हुआ तब भारत की तरफ़ से खेलने वाले कुछ क्रिकेटर्स पाकिस्तान चले गए। इन क्रिकेटर्स के पाकिस्तान जाने की वजह से ये दो देशों के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले कुछ इस तरह से क्रिकेटर्स बन गए। भारत 1932 से टेस्ट क्रिकेट खेल रहा है और पाकिस्तान ने 1952 में टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू किया था।
विभाजन के बाद भी मैदान नहीं छोड़ा
विभाजन का दर्द भुलाए नहीं भूला जा सकता। इन तीन खिलाड़ियों के लिए एक तरफ़ विभाजन का दर्द था और दूसरी तरफ़ मैदान छोड़ने का गम। गौरतलब है कि वो मैदान से ज़्यादा दिनों तक दूर नहीं रह सके और पाकिस्तान के लिए ही खेलना शुरू कर दिया। यह क्रिकेटर्स हैं- अब्दुल कारदार, आमिर इलाही और गुल मोहम्मद।
अब्दुल कारदार (Abdul Kardar)
1946 में अब्दुल कारदार ने लॉर्ड्स में इंडिया के लिए डेब्यू किया। उन्होंने डेब्यू मैच में ही 43 रन बनाए। हलाकी कि डेब्यू के एक साल बाद ही कारदार को पाकिस्तान जाना पड़ा। 1952 में जब पाकिस्तान की टेस्ट टीम बनी तब वो पहले कप्तान चुने गए थे।
आमिर इलाही (Amir Elahi)
आमिर इलाही ने बतौर मीडियम पेस गेंदबाज़ 1947 में भारत के लिए खेलना शुरू किया। इलाही ने भारत के लिए सिर्फ़ एक ही मैच खेला, ऑस्ट्रेलिया में, विभाजन के बाद वो पाकिस्तान चले गए। 1952 से 1953 के बीच उन्होंने पाकिस्तान के लिए पांच टेस्ट मैच खेले, और ये सभी भारत के खिलाफ़ थे। 44 साल की उम्र में उन्होंने कलकत्ता में आखिरी टेस्ट मैच खेला था।
गुल मोहम्मद (Gul Mohammad)
गुल मोहम्मद एक शानदार बल्लेबाज़, गेंदबाज़ और फ़ील्डर थे। डोमेस्टिक क्रिकेट में झंडे गाड़ने के बाद 1946 में उन्हें अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने के लिए बुलाया गया। इंग्लैंड के खिलाफ़ उन्होंने टेस्ट डेब्यू किया और भारत के लिए कुल 7 टेस्ट मैच खेले थे। 1946 से 1955 तक वो भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य थे। इसके बाद वो लाहौर, पाकिस्तान चले गए। उन्होंने पाकिस्तान के लिए 1956 में एक टेस्ट मैच खेला था।