हरियाणा के नूंह में विश्व हिंदू परिषद, सर्वजातीय हिंदू महापंचायत और बजरंग दल के आह्वान पर हिंदू संगठन आज दोबारा ब्रजमंडल यात्रा निकालने पर अड़े हैं। हरियाणा सरकार और नूंह जिला प्रशासन ने इस यात्रा के लिए परमिशन नहीं दी थी, लेकिन सोमवार सुबह प्रशासन ने नलहरेश्वर मंदिर में जलाभिषेक के लिए साधु-संतों और विश्व हिंदू परिषद के लोगों को परमिशन दी।
जिसके बाद नूंह बाइपास से पुलिस 3 गाड़ियों से 51 लोगों को नलहरेश्वर मंदिर के लिए लेकर निकली। जिन्होंने पटौदी आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव और विश्व हिंदू परिषद के आलोक कुमार राय की अगुआई में जलाभिषेक किया।सभी को आगे जाने से रोक दिया गया है। लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के एक अधिकारी ने बताया कि हमारे पास ऐसा इनपुट है कि मंदिर के आसपास के इलाकों में हिंसा की तैयारी की गई है। इस वजह से 4 बजे तक किसी बाहरी व्यक्ति को मंदिर में जाने इजाजत नहीं है। अभी सिर्फ स्थानीय लोगों को आईडी देखने के बाद ही मंदिर में जाने दे रहे हैं। जिन लोगों को नलहरेश्वर मंदिर में जलाभिषेक की इजाजत दी गई थी, वे जल चढ़ाकर फिरोजपुर झिरका के लिए निकल गए हैं। 31 जुलाई को ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हिंसा हुई थी, जिसमें 2 होमगार्ड समेत 6 लोगों की मौत हो गई थी।
सावन के आखिरी सोमवार में फिर तनाव भरा माहौल
सावन के आखिरी सोमवार को हरियाणा के नूंह में फिर तनाव भरा माहौल है। विश्व हिंदू परिषद आज यानी 28 अगस्त को ब्रजमंडल यात्रा निकालने पर अड़ी थी। 31 जुलाई को यात्रा के दौरान नूंह में हिंसा भड़क गई थी। इससे यात्रा अधूरी रह गई। प्रशासन ने दोबारा उपद्रव होने के डर से यात्रा की परमिशन नहीं दी है। इसके पीछे नूंह SP की ओर से दी गई 300 पेज की रिपोर्ट है। प्रशासन ने सोमवार को 11 लोगों को शोभायात्रा की परमिशन दी है। इससे पहले पुलिस की सिक्योरिटी में 51 लोगों को जलाभिषेक के लिए नलहरेश्वर मंदिर ले जाया गया। हालांकि, विश्व हिंदू परिषद इसे ब्रजमंडल यात्रा ही कह रही है।
परमिशन मांगी पर नहीं मिली
31 जुलाई की यात्रा के लिए विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने परमिशन ली थी। यात्रा पूरी नहीं हुई, तो सावन के आखिरी सोमवार को इसे पूरा करने का ऐलान किया गया। ऐलान विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोगों ने किया, लेकिन यात्रा की परमिशन सर्व हिंदू समाज के नाम से मांगी गई। इसकी वजह यात्रा को किसी संगठन के आयोजन की जगह हिंदुओं की यात्रा बनाना था। हालांकि प्रशासन ने यात्रा की इजाजत नहीं दी। दरअसल, नूंह के SP नरेंद्र बिजरानिया ने परमिशन के लिए दी एप्लिकेशन से एक दिन पहले यानी 22 अगस्त को DM को एक रिपोर्ट सौंपी थी।
अब तक कई लोगो पर कारवाई और अब हिंसा का ज्यादा खतरा
नूंह में हिंसा में अब तक पुलिस वालो ने 61 लोगो पर FIR दर्ज की है और 292 लोगो की गिरफ्तार भी कर चुकी है। पुलिस पकड़े गए लोगों के जरिए हिंसा के मास्टरमाइंड तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। हिंसा में विदेशी इन्वॉल्वमेंट की भी जांच की जा रही है। नूंह और दूसरे जिलों से अब तक गिरफ्तारियां हो रही हैं, लेकिन हिंसा के मास्टरमाइंड का पता नहीं चला है। रिपोर्ट के मुताबिक, अभी छोटे-छोटे ग्रुप पकड़ में आए हैं। इन्हें डायरेक्शन देने वालों को अब तक नहीं तलाशा गया है। उन तक पहुंचे बिना यात्रा की परमिशन नहीं देनी चाहिए। पुलिस ये भी पता लगा रही है कि हिंसा के बाद दोनों समुदायों के अंदर चल क्या रहा है। रिपोर्ट इशारा करती है कि दोनों समुदाय अभी भले शांत हैं, लेकिन बात खत्म नहीं हुई है। दूसरी बार यात्रा होने पर हिंसा दोनों तरफ से हो सकती है, यानी खतरा ज्यादा बड़ा है।