आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और TDP प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी से राज्यभर में कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन शुरू हो गया है। 9 सितंबर 2023 की सुबह करीब 5:30 बजे नायडू को आंध्र प्रदेश पुलिस और CID ने गिरफ्तार किया। नायडू की गिरफ्तारी साल 2021 में दर्ज एक भ्रष्टाचार के मामले में हुई है। TDP प्रमुख की गिरफ्तारी को YSRCP प्रमुख और मौजूदा मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी से जोड़कर देखा जा रहा है। TDP नेताओं का आरोप है कि जगनमोहन रेड्डी नायडू की गिरफ्तारी बदले की भावना से प्रेरित होकर की है।
क्या है स्किल डेवलपमेंट घोटाला?
एपीएसएसडीसी (आंध्र प्रदेश स्टेट स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) का गठन आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद किया गया था। ये एक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप है और इसका उद्देश्य राज्य के युवाओं को कौशल देना और प्रशिक्षित करना है। प्रशिक्षण पूरा करने वाले युवाओं को रोज़गार उपलब्ध करवाना इसके लिए कौशल विकास निगम ने टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ समझौते किये। इनमें सीमेंस और डिज़ाइन टेक सिस्टम्स जैसी कंपनियां भी शामिल हैं। सीमेंस इंडस्ट्रियल सॉफ़्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड का मुख्यालय नोएडा में हैं। इस कंपनी के साथ समझौते के तहत आंध्र प्रदेश के छह स्थानों पर स्किल डेवलपमेंट केंद्र स्थापित किए गए। यहां युवाओं का कौशल विकास किया जाता है और प्रशिक्षण दिया जाता है।
चंद्रबाबू ने मांगे सबूत
गिरफ़्तारी के दौरान चंद्रबाबू नायडू ने पुलिस से पूछा कि स्किल डेवलपमेंट घोटाले (कौशल विकास मामले) में उनका नाम कहां हैं। इसके जवाब में पुलिस अधिकारियों ने उनसे कहा, ‘हमारे पास सबूत हैं, हमने इन्हें हाई कोर्ट में दे दिया है। रिमांड रिपोर्ट में सभी बातों को शामिल किया गया है। गिरफ़्तारी के दौरान चंद्रबाबू के समर्थकों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। पुलिस की तरफ़ से डीआईजी रघुरामी रेड्डी ने चंद्रबाबू के वकीलों को समझाया। पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर विजयवाड़ा ले जाना चाहती थी। लेकिन चंद्रबाबू ने कहा कि उन्हें पुलिस सुरक्षा पर भरोसा नहीं है और वो अपने काफ़िले के साथ एनएसजी की निगरानी में जाना चाहते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री की इस मांग को पुलिस ने स्वीकार कर लिया।
टीडीपी का क्या कहना है?
टीडीपी के वरिष्ठ विधायक पय्यावुला केशव ने कहा है कि इस समझौते के तहत केंद्र स्थापित किए गए और लाखों लोगों को प्रशिक्षित किया गया। केशव ने कहा कि सीमेंस ने जिस तरह से गुजरात सरकार के साथ समझौता किया था उसी के आधार पर कंपनी ने आंध्र प्रदेश में भी समझौता किया और इसे लागू किया। सीमेंस एक जर्मन कंपनी है जिसकी उपस्थिति दुनिया के 160 देशों में है। टीडीपी विधायक ने आरोप लगाया कि सीमेंस के तत्कालीन प्रमुख सौम्याद्री बोस ने अपने उद्देश्यों के लिए कुछ निजी कंपनियों को फ़ायदा पहुंचाया था। उन्होंने कहा, “ईडी जांच में पता चला की सीमेंस ने जीएसटी का भुगतान नहीं किया है। ये झूठ है कि सीमेंस के नाम पर 371 करोड़ रुपये डायवर्ट किए गए। सीमेंस अपने सहयोगियों की निगरानी के लिए ज़िम्मेदार है, तत्कालीन आंध्र प्रदेश सरकार का इससे कोई लेना देना नहीं है”उन्होंने कहा कि ये बिडंबना है कि सीमेंस की गलती के लिए चंद्रबाबू नायडू को गिरफ़्तार किया गया है।
गिरफ़्तारी के बाद नायडू ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, “मैंने उनसे पूछा कि आप मुझे क्यों गिरफ़्तार कर रहे हैं, मेरे ख़िलाफ़ सबूत कहां हैं। .लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया है। उन्होंने सिर्फ़ इतना कहा कि हमारे पास गिरफ़्तार करने का अधिकार है। ये बहुत दुखद है। आज आंध्र प्रदेश पुलिस ने दिनदहाड़े लोकतंत्र की हत्या की है। आम आदमी के मूल अधिकार होते हैं। ये मेरा अधिकार है कि मैं जानूं कि मुझे क्यों गिरफ़्तार किया जा रहा है। पुलिस की ज़िम्मेदारी है कि वो मुझे बताएं कि मुझे क्यों गिरफ़्तार किया जा रहा है। मैंने यही पूछा था. मैंने उनसे पूछा कि मेरी ग़लती क्या है, लेकिन वो कहते रहे कि हम ये नहीं बतायेंगे.”नायडू ने कहा, “वो आधी रात मुझे गिरफ़्तार करने आये, इससे बहुत पीड़ा हुई है। मैं सभी लोगों से अपील करता हूं, मैं साढ़े चार सालों से जनता के मुद्दों के लिए लड़ रहा हूं। ये बहुत दुखत है, मैं जनता के मुद्दों के लिए लड़ रहा हूं, वो मुझे गिरफ़्तार कर रहे हैं और जेल ले जा रहे हैं।