देश के लिए फुटबॉलर नहीं छोड़ रहा कोहली का क्लब नई दिल्ली। एशियन गेम्स में जाने वाली भारतीय फुटबॉल टीम की राह में विराट कोहली के फुटबॉल क्लब ने अड़ंगा डाल दिया है। एफसी गोवा क्लब के मालिकों में से एक कोहली भी हैं। इनके अलावा बंगलुरू और मोहन बागान के क्लब ने भी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। एशियन गेम्स के लिए अच्छी टीम बनाना है, लेकिन देश के गिने-चुने फुटबॉलर इन क्लबों के लिए खेलते हैं।
कॉन्ट्रेक्ट का हवाला दे रहे क्लब वाले
क्लब वालों ने कांट्रेक्ट का हवाला देकर कहा है कि हमारे लिए ही खेलते रहिए, एशियन गेम्स जाना जरूरी नहीं है। क्लब वालों की दलील है कि एशियन गेम्स के तहत होने वाले फुटबॉल मुकाबले, फीफा के टूर्नामेंट में नहीं गिने जाते हैं। इनमें जाना जरूरी नहीं है। जिन खिलाडिय़ों को रोका गया है, उनमें सुनील छेत्री, संदेश झींगन और गुरप्रीत सिंह संधु शामिल हैं। भारतीय फुटबॉल संघ मिन्नतें कर रहा है, लेकिन फुटबॉल क्लब नहीं मान रहे।
एशियन गेम्स में उम्मीद
सैफ-खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम से भी उम्मीद थी कि एशियन गेम्स में भी कमाल करेगी, लेकिन अब अहम खिलाड़ी ही नहीं जा रहे हैं। 19 सितंबर से गेम शुरू हो रहे हैं और 21 सितंबर से इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के मुकाबले हैं। आईएसएल को ज्यादा तव”ाो दी जा रही है। भारतीय फुटबॉल संघ ने 50 खिलाडिय़ों की टीम तैयार की है, जिसमें उसे अभी 22 खिलाडिय़ों की जरूरत है। एशियन गेम्स में नियम है कि 23 पार की उम्र वाले तीन ही खिलाड़ी खेल सकते हैं। बाकी इससे छोटे चाहिए। अब टीम बनाने में मुसीबत हो रही है। कमजोर टीम उतारना पड़ रही है। कोच भी नहीं जा रहे ज्योतिष से मशविरा कर टीम चुनने वाले कोच इगर स्टीमक भी टीम के साथ नहीं जा रहे हैं। इसकी वजह साफ नहीं है। अटकलें हैं कि ज्योतिष के कहने पर टीम बनाने के मामले में उलझे कोच के पर कतरने की तैयारी है। उनकी नादानी की वजह से टीम-सिलेक्शन पर सवाल उठ गया है। भारतीय फुटबॉल टीम वैसे ही निशाने पर रहती है… अब और ज्यादा किरकिरी हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग मसखरी कर रहे हैं।