विदाई के मुहाने पर खड़े मॉनसून ने ऐसा खेल दिखाया है कि सबका गला तर कर दिया है। इंदौर, उज्जैन, देवास, रतलाम, खंडवा, खरगोन, सांवेर, देपालपुर में इतना बरसा है कि जरूरी कोटे से आगे निकल गया है। इंदौर में रात भर में करीब 7 इंच बरसा है। रात ढाई बजे के बाद 4 इंच बारिश की खबर है। उज्जैन में कल रात यह आंकड़ा 5 इंच के आसपास है। देपालपुर में 10 इंच की खबर है। पीथमपुर में 7 इंच से ज्यादा बरसा है। इंदौर कलेक्टर ने कल (17 सितंबर) भारी से भारी बारिश की बात कही है। रेड-अलर्ट जारी कर दिया गया है। हिदायत दे दी गई है कि वीकेंड मनाने मत निकल जाना। आसपास के नदी-नालों और रपटों पर हालात खतरनाक हैं। लापरवाही की, तो सख्त कार्रवाई होगी। मौसम वैज्ञानिकों का अंदाजा है कि अगले 24 घंटे में मध्यप्रदेश में 8 से 10 इंच और बरस सकता है।
मालवा-निमाड़ में रात भर से बारिश, नदियां उफान पर
मालवा-निमाड़, उज्जैन, देवास, शाजापुर, धार, खरगोन, झाबुआ, आलीराजपुर में रात भर से जोरदार बारिश हो रही है। नदी-नालों में बाढ़ आ गई है। कई जगह नदी-नालों के पुलों और रपटों पर पानी चढऩे से रास्ते बंद हो गए हैं।इंदौर जिले में सभी जगह कल शाम चार बजे से जोरदार बारिश हो रही है। धार, रायपुरिया, धामनोद, महेश्वर, ओंकारेश्वर, पिपल्या बुजुर्ग, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, गोगावां, गंधवानी, तिरला, बदनावर, सनावद, बड़वाहा, पेटलावद समेत आसपास के गांव तर हो गए हैं।
पीथमपुर में 10 इंच
धार जिले के पीथमपुर में सबसे ज्यादा बारिश हुई। पीथमपुर में 238 मिलीमीटर (करीब 10 इंच) पानी बरसा। धार में 6 इंच, कुक्षी 2 इंच से ज्यादा, उमरबन 2 इंच बारिश दर्ज की गई।
खेत बना तालाब
सागौर के गांव पिपल्दा में खेत में इतना पानी भर गया कि वहां बने मकान में फंसे लोग निकल नहीं सके। खेत, तालाब बन गया। फंसे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ , एसडीआरएफ टीमें पहुंच गई हैं।
इंदौर में ६१ साल का रिकॉर्ड टूटा
इंदौर ने सितंबर में ऐसी बारिश 61 साल पहले देखी थी। 20 सितंबर, 1962 को 169.8 मिलीमीटर बरस गया था। आज का आंकड़ा 171 के पार है। 48 घंटे में इंदौर उज्जैन संभाग में औसतन 10 इंच से ज्यादा बारिश हो गई है। हातोद और महू में भी रिकॉर्ड टूट गए हैं। मौसम-जानकार अजय कुमार शुक्ला बता रहे हैं कि इंदौर और उज्जैन के लिए 48 घंटे और खतरनाक हैं। भारी से भारी बारिश हो सकती है।
रतलाम जिले के बाजना में 10 इंच
रतलाम जिले के बाजना में सबसे ज्यादा 10 इंच बारिश दर्ज की गई। रतलाम के पास रेल के बिजली के इंजन और डिब्बों के पहिये जमीन में धंस गए हैं। रतलाम-दाहोद के बीच दिल्ली-मुंबई रेल ट्रैक पर चट्टानें गिरने से दर्शन एक्सप्रेस का इंजन पटरी से उतर गया। अप और डाउन ट्रैक पर कई फुट पानी भर गया। कई जगह पटरियों की गिट्टी बह गई है।
ओंकारेश्वर बांध के 22 गेट खोले, हरदा में बाढ़
ओंकारेश्वर में रात एक बजे बांध के 22 गेट खोल दिए गए। आठ टर्बाइन से 10172 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इंदौर-खंडवा रोड का मोरटक्का पुल बंद कर दिया गया है। हरदा में हंसावती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बैतूल के भीमपुर में 17 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई।