उत्तर प्रदेश के बाहुबली मुक्तार अंसारी के लिए गैंगस्टर मामले मे इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहतभरी खबर सामने आई है , इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत की अर्जी स्वीकार कर ली है। मुक्तार को गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट ने 10 साल जेल की सजा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।
जमानत मिली पर सजा रहेगी बरकरार
पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी के गैंगस्टर केस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सजा निलंबित करने और जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद फैसला 20 सितंबर को ही सुरक्षित कर लिया था। जिससे न्यायमूर्ति राजवीर सिंह की अदालत ने 25 सितंबर को सुनाया है। इस पर मुख्तार के वकील उपेंद्र उपाध्याय की दलील थी कि मुख्तार सजा से ज्यादा समय का कारावास ट्रायल के दौरान भुगत चुके हैं।मुख्तार अंसारी 12 साल चार महीने से जेल में बंद हैं। इस मामले में कोर्ट ने बांदा जेल अधीक्षक से रिपोर्ट भी मांगी थी और सरकार ने जमानत का विरोध भी किया था पर कोर्ट ने मुख़्तार की जमानत मंजूर करते हुए जुर्माने पर भी रोक लगा दी। लेकिन मुख्तार की सजा अभी भी बरकरार है, क्योंकि उन्हे कई अन्य मामलों में अभी जमानत नही मिली है। जिसके कारण मुख्तार अंसारी को जमानत मिलने के बावजूद जेल में ही रहना होगा ।
क्या गैंगस्टर ऐक्ट का पूरा मामला ?
साल 2009 में मुहम्मदाबाद के मीर हसन की हत्या के प्रयास की साजिश रचने और करंडा के सबुआ निवासी कपिलदेव सिंह की हत्याकांड के मामले मे गैंगचार्ट में मुख्तार अंसारी को शामिल करते हुए मुहम्मदाबाद पुलिस ने उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया था। इसी मामले में अदालत में सुनवाई चल रही थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को चार वर्ष कैद की सजा सुनाई गई थी, जिसमे अफजाल को पहले ही जमानत मिल चुकी है पर उनकी संसद सदस्यता समाप्त हो गई है।