सर्वपितृ अमावस्या 14 अक्टूबर को यानि कल है। इसी के साथ कल इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है। आपको बता दें कि पितृपक्ष में सर्व पितृ अमावस्या का अधिक महत्व होता है। इस बार सर्व पितृ अमावस्या 14 अक्टूबर शनिवार के दिन है। इसलिए इसे शनि अमावस्या भा कहा जाएगा। सबसे पहले बता दें कि अमावस्या कल रात में 9 बजकर 50 मिनट से लगेगी और अगले दिन यानी 14 अक्टूबर की रात 11 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। वहीं, जिसके बाद, सूर्यग्रहण लग जायगा जो रात में 8 बजकर 34 मिनट में लगेगा और रात के 2 बजकर 25 मिनट पर खत्म होगा। लेकिन, ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसे सूतक काल नहीं माना जाएगा।
किन किन जगहो पर दिखेगा सूर्यग्रहण
आपको बता दे की यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। यह इस साल का दूसरा सूर्यग्रहण है जो South America को छोड़कर North America जैसे Canada, British Virgin, Islands, Guatemala, Mexico, Argentina, Colombia, Cuba, Barbados, Peru, Uruguay, Antigua, Venezuela, Jamaica, Haiti, Paraguay, Brazil, Dominica, Bahamas, आदि जगहों पर दिखाई देगा।
क्या है सर्व पितृ अमावस्या
क्या है सर्व पितृ अमावस्या तो माना जाता है कि सर्व पितृ अमावस्या पर उन लोगों का श्राद्ध कर्म किया जाता है जिनकी मृत्यु तिथि परिवार के सदस्य भूल जाते हैं। जिनकी साल में एक बार पितृ अमावस्या के रूप में श्राद्ध किया जाता है। आश्विन मास की अमावस्या सर्व पितृ अमावस्या के रूप में जानी जाती है। उस दिन सभी ज्ञात और अज्ञात पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि किया जाता है।
सर्वपितृ अमावस्या पर ध्यान में रखें ये जरुरी बातें
भोजन में खीर पूड़ी का होना आवश्यक है।
श्राद्ध को दोपहर के समय करें।
इस दिन पंचबली गाय, कुत्ते, कौए, देव और चीटिंयों दें,और हवन करें।
इस दिन श्रद्धा पूर्वक ब्राह्मण को भोजन कराएं।
ब्राह्मण को दक्षिणा देकर विदा करें।
बिल्कुल ना करें ये काम
1.सर्वपितृ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लगने से इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। ऐसे में इस दिन भूलकर भी मास मदिरा का सेवन ना करें। इस दिन दरवाजे से किसी को खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए। अगर कोई गरीब, ब्राह्मण या जरूरतमंद कुछ मांगने के लिए आपके दरवाजे तक आएं तो अपनी क्षमता अनुसार उन्हें दान जरूर दें। ना ही किसी का अपमान करें और ना ही किसी पर गुस्सा करें।
2.वहीं सूर्य ग्रहण लगने के दौरान किसी भी तरह की पूजा नहीं करनी चाहिए। इस दौरान केवल भगवान के मंत्रों का जाप करें।
3.इस दिन ना तो तुलसी को छुएं और ना ही उनकी पूजा करें।
4.ग्रहण के दौरान दूध दही जैसी चीजों में तुलसी दल डाल दिया जाता है ताकी ग्रहण के प्रभाव से वह दूषित ना हो। ऐसे में तुलसी दल पहले ही तोड़कर रख लें।
5.सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन करना भी मना होता है। इसके पीछे मान्यता है कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में इस दौरान भोजन करने से स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।