भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारी, जो एक निजी फर्म के लिए कतर मे काम कर रहे थे, उन्हें पिछले साल दोहा में कतरी खुफिया सेवा ने हिरासत में लिया था। कतर में भारतीय नौसेना कर्मियों को हिरासत में लिए जाने के आठ महीने बाद अब भारत को चौंकाते हुये भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई दी है।
भारतीय केंद्र सरकार ने कहा था कि वह पूर्व नौसेना कर्मियों की रिहाई और स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के लिए वह काम कर रही है। लेकिन कतर सरकार ने भारतीय नौसेना अधिकारियों के खिलाफ आरोपों को खारिज नहीं किया है।
फैसला आने के बाद भारत सरकार की तरफ से विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वो फांसी की सजा के फैसले से हैरान है। साथ ही ये भी कहा है कि वो इस मामले को कतर के अधिकारियों के समक्ष उठाएंगे।
किस आरोप मे कौन कौन है जेल मे?
भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मी, उनकी पहचान कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश के रूप में की गई है। इन सब पर आरोप है कि, देश की उन्नत पनडुब्बियों पर इज़राइल के लिए जासूसी करने के अपराध का आरोप लगाया गया है।
कथित तौर पर ये पनडुब्बियां मेटामटेरियल से ढकी हुई हैं जो उनकी गुप्त क्षमताओं को बढ़ाती हैं और उनका पता लगाना कठिन बनाती हैं।
नौसेना कर्मियों को 30 अगस्त, 2022 की रात को हिरासत में लिया गया था। हिरासत में लिए गए अधिकारियों में से एक की बहन ने अपने भाई को वापस लाने के लिए सरकार से मदद मांगी थी। उनके भाई एक सेवानिवृत्त कमांडर नेवी अधिकारी हैं और “अपनी कंपनी दहरा ग्लोबल कंसल्टेंसी सर्विसेज के माध्यम से कतर नेवी को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए” कतर गए थे।
भारत क्या कर रहा है?
भारतीय दूतावास नौसेना कर्मियों के परिवार के सदस्यों से नियमित मुलाकात कर उन्हें सुविधा प्रदान कर रहा है और नौसेना कर्मियों को कानूनी सहायता प्रदान कर रहा है।
आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों की गिरफ्तारी पर भारत की स्थिति के बारे में बोलते हुए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र “इन भारतीयों की सहायता के लिए सभी प्रयास” कर रहा है। बागची ने कहा, “यह अब कानूनी प्रक्रिया में है। मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि हम हिरासत में लिए गए इन भारतीयों की सहायता के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं और हम चल रही कानूनी प्रक्रिया के हिस्से के रूप में काउंसलर सहायता के साथ-साथ कानूनी सहायता भी प्रदान कर रहे हैं।”। “हम कतर अधिकारियों के साथ भी जुड़े हुए हैं। दोहा में हमारा दूतावास परिवारों के संपर्क में बना हुआ है।