ये किस्सा है एक ऐसे कलाकार के बारे में जिसके जैसी बेहतरीन अदाकारी और ख्याति का मालिक बनने का हर अभिनेता का सपना होता है। जिसके अभिनय कला का शायद ही कोई आलोचक होगा। जिनके बहुत ही कम समय में इस दुनिया से चले जाने के दुख से भारतीय सिनेमा अभी तक पूरी तरह उभर नही पाया है। जी हां ये किस्सा है सदी के सबसे महान अभिनेताओं में से एक, इरफ़ान खान का।
इरफान एक रजवाड़ी खानदान से ताल्लुक़ रखते थे। खानदानी लोग और उनके वैसे ही खानदानी शौक। बचपन से ही सभी लड़कों को शिकार पर ले जाने की परंपरा थी। छोटे इरफ़ान के पास जब ये मौका आया, तो वो भी अपनों के साथ बड़े ही चाव से शिकार पर निकले। लेकिन उस दिन शिकार के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसने इरफ़ान के मन को बोहोत दुःख पहुंचाया। जब जीप से पीछा करते करते एक जानवर को गोली मारी गई, तो उसे जमीन पर गिर कर तड़पता हुआ देख इरफ़ान रुआंसे से हो गए। उनसे यह हिंसक बर्ताव बर्दाश्त नहीं हुआ और उसके बाद से उन्होंने कभी भी शिकार की दावत नही खाई। उनके घर के सदस्यों ने जब उन्हें इस तरह देखा तो कई बार उनका मज़ाक उड़ाया। कहते थे ” ये पठानों के घर में पंडित पैदा हो गया है।” ख़ैर, इरफ़ान को इन सब से कोई फर्क नही पड़ता था। उन्होंने अपने फैसले को अडिग रखा बाद में इस विषय का कई इंटरव्यू में ज़िक्र भी किया। वो कहते थे कि जितनी आसानी से अभी वो इसका ज़िक्र कर लेते हैं, बचपन में ये उनके लिए उतना ही दर्दनाक था।