गुजरात के सूरत में 29 नवंबर को केमिकल फैक्ट्री के स्टोरेज टैंक में ब्लास्ट होने से आग लग गई। जिसमें 25 कर्मचारी घायल हो गए और 7 कर्मचारियों की जलकर मौत हो गई और 8 लोगो की हालत गंभीर है।
इस घटना के 24 घंटे बाद 7 लोगो के कंकाल मिले हैं। इन कंकालों से ही उनकी पहचान की गई। वहीं कलेक्टर ने कहा कि, फैक्टरी परिसर में तलाशी अभियान के दौरान अधिकारियों को 7 श्रमिकों के शव मिले जो बुधवार को प्लांट में लगी आग के बाद लापता हो गए थे। मृतकों की पहचान दिव्येश पटेल, संतोष विश्वकर्मा, सनत कुमार मिश्रा, धर्मेंद्र कुमार, गणेश प्रसाद, सुनील कुमार और अभिषेक सिंह के रूप में की गई है। कलेक्टर ने कहा कि, घटना में घायल हुए 25 लोगों का फिलहाल अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
सूरत के प्रभारी मुख्य दमकल अधिकारी बसंत पारेख ने कहा, “फैक्ट्री की तीन मंजिला इमारत में विस्फोट के कारण आग लग गई और पूरी इमारत जलकर नष्ट हो गई।” पारेख ने बताया, घटनास्थल पर दमकल की कम से कम 15 गाड़ियां भेजी गईं और आग बुझाने का काम नौ घंटे तक जारी रहा। साचिन GIDC दमकल केंद्र से एक अधिकारी ने कहा कि पूर्वाह्न करीब 11 बजे आग पर काबू पा लिया गया।
कंपनी में रात करीब 150 कर्मचारी काम कर रहे थे। हादसे में करीब 25 कर्मचारी घायल हुए थे और 7 कर्मचारी लापता थे। कंपनी प्रशासन ने 7 कर्मचारियों के लापता होने की बात छुपाई थी इन सभी लोगों के कंकाल आज सुबह बरामद हुए है। फिलहाल सभी घायल मजदूरों का अलग-अलग निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
गुजरात पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड सूरत की अधिकारी जिगनाशा ओझा ने बताया कि, कंपनी के स्टोरेज टैंक में लीकेज था। जिसके बाद स्पार्किंग हुई और ये घटना घटी है। कंपनी को क्लोजर नोटिस भी दिया जाएगा। फिलहाल कंपनी के मालिकों की कोई लापरवाही नजर नहीं आ रही है। फिर भी अलग-अलग एजेंसियां जांच कर रही हैं।