पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पिछले 24 घंटों में 9 नवजात बच्चों और एक 2 साल के बच्चे की मौत हो गई है, जिससे पश्चिम बंगाल राज्य में हडकंप मच गया है। अस्पताल में भर्ती दूसरे बच्चों की हालत के बारे में जानकर उनके माता-पिता इस बट से काफी परेशान नजर आरहे है। हालांकि अस्पताल में हुई इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल कि प्रशासन ने मौत के कारणों की जांच के लिए एक कमेटी का गठन भी कर दिया है। और जल्द से जल्द इस घटना का पता लगाने की बात कही है।
बताया जारहा है कि जंगीपुर उप-जिला अस्पताल के शिशु विभाग का नवीनीकरण का काम काफी दिनों से चल रहा है। इसलिए जंगीपुर अनुमंडल के सभी बच्चों को बहरामपुर भेजा जा रहा है। अस्पताल के अधिकारियों ने यह भी बताया कि डोमकल, लालबाग उप-विभागीय अस्पताल में नवजात शिशुओं को बड़े पैमाने पर बहरामपुर रेफर किया जा रहा है। इन अस्पतालों में जब बच्चों की हालत गंभीर हो जाती है,तो उन बच्चों को मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर किया जाता है।
मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने बताया है कि एसएनसीयू वार्ड में सिर्फ 54 बच्चों को ही रखा जाता है। लेकिन अभी यहाँ करीब 100 नवजात बच्चों को भर्ती किया गया है। इससे दूसरे बच्चों में संक्रमण फैलने की ज्यादा संभावना बनी रहती है। अधिकारियों के अनुसार ज्यादातर बच्चे बेहद खराब हालत में रेफर किए गए थे, जिस के कारण उनकी मौतें हुई है। हालांकि नवजात बच्चों में मरने वालों में ज्यादातर बच्चों का वजन कम था।
अस्पताल प्रशासन के ने बताया है की मरने वाले दस बच्चों में से तीन बच्चों का जन्म मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हि हुआ है। साथ ही वह के डॉक्टरों ने कहा कि दूसरे अस्पताल से आए दो साल के बच्चे को न्यूरोलॉजिकल की समस्या थी जिसके कारण उसका अस्पताल में इलाज चल रहा था। अस्पताल प्रशासन ने इस मामले की एक रिपोर्ट पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग को भेज दी है। मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल के के डॉक्टर्स ने बताया कि पिछले महीने कुल 380 नवजात बच्चों को गंभीर हालत में इस अस्पताल में रेफर किया गया था।