तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को लोक सभा से 8 दिसंबर को निष्कासित कर दिया गया। लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने कैश-फ़ोर क्वेरी मामले में जांच की और फिर मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म कर दी। मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने का आरोप था। बिज़नेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर संसद में सवाल उठाने के संगीन आरोप पर जांच हुई। मोइत्रा को संसद से निष्कासित करने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे ध्वनिमत से पारित किया गया।
कृष्णा नगर, पश्चिम बंगाल की सांसद महुआ मोइत्रा पर आरोप है कि उन्होंने दर्शन हीरानंदानी नामक बिज़नेसमैन से पैसे लिए और संसद में सवाल पूछे हैं। उन पर ये भी आरोप है कि उन्होंने अपने लॉगिन क्रेडेंशियल्स हीरानंदानी के साथ शेयर किए।
भाजपा सांसद निशीकांत दुबे ने मोइत्रा पर ये आरोप लगाए थे। इसके बाद एथिक्स कमेटी ने 9 नवंबर को जांच रिपोर्ट पेश की थी और मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफ़ारिश की थी। एथिक्स कमेटी के 6 सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मत दिया और चार सदस्यों ने विपक्ष में, इन चार सदस्यों का कहना था कि भाजपा सांसद दुबे की शिकायत बेबुनियाद है।
जैसे ही सदन में रिपोर्ट पेश की गई कांग्रेस और टीएमसी सदस्य रिपोर्ट की कॉपी मांगने लगे, रिपोर्ट पेश होन के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया और स्पीकर की कुर्सी पर बैठे भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी।
महुआ मोइत्रा का बयान
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने महुआ मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया था। सांसदों ने ध्वनिमत से इसे पारित किया। महुआ मोइत्रा ने सांसदी खत्म होने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि किसी भी कैश का या गिफ़्ट का कोई सबूत नहीं मिला। एथिक्स कमेटी के फैसले पर महुआ ने कहा कि उनके पास निष्कासन का अधिकार नहीं है।
महुआ ने कहा कि, निष्कासन की सिफ़ारिश इस आधार पर है कि उन्होंने पोर्टल का लॉगिन शेयर किया था। पोर्टल लॉगिन को लेकर कोई नियम नहीं है। इसी वजह से एथिक्स कमेटी के पास निष्कासन का अधिकार नहीं है, ऐसा पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा। साथ ही ये भी कहा कि ये भाजपा के अंत की शुरुआत है।
मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी पर निशाना साधा
तृणमूल कांग्रेस ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से आग्रह किया कि महुआ मोइत्रा को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए। ओम बिड़ला ने मोइत्रा को बोलने की इजाज़त नहीं दी। स्पीकर ने कहा कि, पैनल बैठक के दौरान मोइत्रा को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया था। तभी मोइत्रा ने ये भी कहा की, कमेटी ने सभी नियमों को तोड़ा है।