2014 में हुए नाबालिग से रेप करने के मामले में कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया है। नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले दोषी भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को कोर्ट ने 25 साल की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। विधायक से 10 लाख का जुर्माना लेकर पीड़िता को पुनर्वास के लिए दिए जाने का आदेश कोर्ट ने दिया है। इतना ही नहीं बल्कि विधायक को सजा का ऐलान होते ही उनकी सदस्यता भी चली गई है। बतादें कि 12 दिसंबर को सोनभद्र की एमपी/एमएलए कोर्ट ने विधायक को नाबालिग से रेप मामले में दोषी ठहराया था। जिसके बाद कोर्ट में विधायक पर दोष सिद्ध होने के बाद उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।
विधायक पर मुकदमा दर्ज
मामले की जानकारी देते हुए त्रिपाठी ने कहा कि घटना 4 नवंबर 2014 को हुई थी और विधायक के खिलाफ धारा 376 (बलात्कार), 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) और बच्चों के संरक्षण की धारा 5L/6 के तहत मामला दर्ज किया गया था। साथ ही POCSO के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि घटना के समय विधायक की बीवी ग्राम प्रधान थी। जब पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया गया था उस समय वह नाबालिक थी। विधायक ने पीड़िता को बालिग साबित करने के लिए उसकी उम्र भी बढ़ा दी थी। कोर्ट में पेशी के दौरान पीड़िता की जन्मतिथि की कोई जानकारी नहीं हुई थी। मगर स्कूल के सर्टिफिकेट से साबित हो गया कि पीड़िता नाबालिग थी।
क्या था पूरा मामला
नाबालिग से दुष्कर्म की ये वारदात साल 2014 में हुई थी। उस वक्त दुष्कर्म के दोषी रामदुलार सिंह गोंड की पत्नी म्योरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की प्रधान थी। जिसकि वजह से गोंड की गांव में काफी चलती थी। पीड़िता के भाई ने बताया कि 4 नवंबर 2014 को शाम 7 बजे उसकी बहन रोती हुई घर आई और बताया कि रामदुलार गोंड ने उसके साथ दुष्कर्म किया है। इसके बाद पीड़िता के परिजनों ने थाने में गोंड के खिलाफ शिकायत दर्ज थी।