बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को ED ने पूछताछ के लिए समन भेजा है। इससे पहले भी तेजस्वी यादव को ED ने 22 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन तेजस्वी यादव वाह नहीं पहुंचे। जिसके बाद अब एक बार फिर तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए समन जारी किया है। जिसमे उन्हे 5 जनवरी को दिल्ली के ED मुख्यालय में मौजूद होना अनिवार्य बताया है।
लेकिन यह पहली बार है जब ED ने लालू यादव को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया है। यह समन लालू प्रसाद के परिवार के एक कथित “करीबी सहयोगी” अमित कात्याल से पूछताछ के बाद भेजा गया है। जिससे नवंबर में ईडी ने गिरफ्तार किया था। बता दें कि ये घोटाला उस समय का है, जब लालू यादव UPA-1 सरकार में रेल मंत्री थे।
दरअसल,आपको बता दे कि यह मामला लालू यादव के रेलमंत्री रहने के दौरान का है। आरोप है कि लोगों से नौकरी के बदले जमीन ली गयी। इस मामले में लालू यादव के परिवार के कई सदस्यों का नाम जुड़ा है। पहले तेजस्वी यादव का नाम इसमें शामिल नहीं था। लेकिन अब उनका भी नाम भी जोड़ा गया है।आपको बता दे यह घोटाला 2004 से 2009 के बीच किया गया था, जहां कई लोगों को रेलवे के विभिन्न जोनों में ग्रुप-डी के पदों पर नौकरियां दी गई थीं। लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी एके इंफोसिस्टम के नाम कर दी थी।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने तेजस्वी यादव, लालू यादव ,राबडी देवी समेत इस मामले मे 17 आरोपियों को कोर्ट ने समन जारी किया था। इस चार्जशीट मे पहली बार बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को सीबीआई ने आरोपी बनाया गया था। इसमें लालू यादव, राबड़ी देवी समेत कई और 16 लोगों के नाम हैं। जिसमें रेलवे के अधिकारी और नौकरी लेने वालों के नाम शामिल थे।