हमास द्वारा इजराइ पर हुए आतंकी हमले के बाद से ही इजराइल में निर्माण का काम पूरी तरह से रुका हुआ है। निर्माण के काम को जारी रखने के लिए अब इजराइल को बहुत बड़ी मात्रा में काम करने वाले लोगों की जरूरत है। ऐसे में इजराइल ने भारत सरकार के सामने प्रस्ताव रखा कि एक लाख मजदूरों को इजराइल भेज दें। उत्तर प्रदेश से ही दस हजार मजदूरों को भेजा जा रहा है।
किस उम्र के मजदूर भेजे जा रहे इजराइल
जिन मजदूरों को भेजा जाएगा उन लोगों का सबसे पहले कंपनी इंटरव्यू लेगी फिर उनका चयन किया जाएगा। इजराइल जाने वाले मजदूरों का 3 साल से श्रम विभाग में पंजीकरण और 21 से 45 वर्ष के बीच उम्र होना जरूरी है। इजराइल जाने वाले मजदूरों को आने-जाने का खर्चा स्वयं करना होगा।
कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने कहा
इसकी सूची लगभग तैयार हो चुकी है। इन्हीं मामलों को लेकर एबीपी लाइव ने उत्तर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर से खास बातचीत की है। कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि इजराइल भारत का बहुत करीबी देश है। जिसकी वजह सेव इजराइल सरकार ने बहर से एक लाख से अधिक मजदूरों की मांग की गई है और भारत सरकार ने भी इस पर बिना अपती जताए सहमति की है।
श्रमिकों को रहने के लिए घर भी देगी इजराइल सरकार
आपको बता दें कि जो मजदूर इजराइल जाएंगे, उन्हें अच्छे वेतन के साथ-साथ रहने के लिए घर भी दिया जाएगा। इजराइल सरकार उन्हें भारतीय रुपये के हिसाब से करीब 1 लाख 40 हजार रुपये वेतन के हिसाब से हर महीने देंगी। इजराइल सरकार को निर्माण कार्य, पेंटिंग, वेल्डिंग, शटरिंग और टाइल्स कारीगर की भारी संख्या में आवश्यकता है। इसके साथ ही बता दें कि इजराइल जाकर मजदूरों को अपने खाने-पीने और हेल्थ बीमा का पैसा खुद ही देना होगा।
5 जनवरी तक कर सकते आवेदन
सहायक श्रमायुक्त एके सिंह ने बताया कि जो भी मजदूर कार्य के लिया जाना चाहता है वह 5जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे ,एम जिन मजदूरों के पास पासपोर्ट नहीं है वह जल्द से जल्द बनवा सकते हैं। इजराइल जाने के बाद कम से कम एक साल और काम से काम 5 साल तक की सेवा देना जरूरी होगा। इतना ही नहीं बल्कि इसके साथ मजदूरों को इंग्लिश बोलना, समझना व पढ़ना आना जरूरी है।