अमेरिका में खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को आज एक बड़ा झटका लगा है। निखिल के परिजनों द्वारा दर्ज राजनयिक पहुंच की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने 4 जनवरी को खारिज कर दिया है।
याचिका में क्या कहा गया था?
कोर्ट में दर्ज याचिका में कहा गया था कि, “गुप्ता को जेल में अलग-थलग रखा गया है और उन्हें गाय और सूअर का मांस खाने के लिए मजबूर किया जा रहा है, गिरफ्तारी से पहले उन्हें कोई वारंट नहीं दिखाया गया और स्थानीय चेक अधिकारियों के बजाय अमेरिकी एजेंटों ने निखिल को गिरफ्तार किया था।” गुप्ता ने अपनी जान को खतरा बताते हुए भारत सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपी निखिल गुप्ता की याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, “यह संवेदनशील मुद्दा है और इसलिए इसका विदेशी अदालत के अधिकार क्षेत्र में होने के चलते सम्मान करना चाहिए।”
विदेश मंत्रालय ने समिति का गठन किया था। पन्नू हत्या मामले में भारतवंशी निखिल गुप्ता का नाम सामने आने पर भारतीय विदेश मंत्रालय का भी बयान सामने आया था। मंत्रालय ने कहा था कि, “इस पूरे मामले की जांच एक उच्च स्तरीय जांच समिति करेगी”। सरकार ने भी कहा था कि, “समिति की रिपोर्ट के अनुसार ही आगे फैसला लिया जाएगा।”
निखिल गुप्ता पर हत्या का आरोप
बता दें कि खालिस्तान समर्थक आतंकी पन्नू की हत्या के मामले में अमेरिकी अदालत ने भारतीय निखिल गुप्ता को आरोपी बनाया है।
क्या हैं मामला?
निखिल ने एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के निर्देश पर पन्नू की हत्या की सुपारी दी थी। इस काम के बदले उसे एक लाख डॉलर दिए जाने थे। निखिल ने अपराधियों के बीच उठने-बैठने वाले एक शख्स के जरिए एक सुपारी किलर ढूंढा और उसे सुपारी दी। हालांकि, ये शख्स एक गुप्त अमेरिकी एजेंट था। इस शख्स ने निखिल को जिस सुपारी किलर से मिलवाया, जो खुद एक अंडरकवर अफसर था।
निखिल को एक बिजनेस ट्रिप के दौरान पिछले साल 30 जून को चेक रिपब्लिक के प्राग एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था। ये गिरफ्तारी अमेरिका के कहने पर हुई थी। दरअसल, अमेरिका और चेक रिपब्लिक के बीच bilateral extradition treaty है। भारत भी अपने स्तर पर मामले की जांच कर रहा है।