पुरुलिया। पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र स्नान के लिए गंगासागर जाने वाले उत्तर प्रदेश के 3 साधुओं के साथ मारपीट की घटना सामने आई है। पुलिस ने तीनों साधुओं को भीड़ से किसी तरह छुड़ाकर उनकी जान बचाई। यह घटना 11 जनवरी शाम को हुई थी। इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल में एक बार फिर सियासत गर्म हो गई है। भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने तीनों साधुओं से मुलाकात कर उनका सम्मान किया है।
पुरुलिया में रास्ता भटक गए थे साधु
तीनों गंगासागर जा रहे थे, यात्रा के दौरान वे पुरुलिया में रास्ता भटक गए और उन्होंने 3 स्थानीय लड़कियों से रास्ता पूछा तो तीनों लड़कियां डरकर चिल्लाते हुए रास्ते से भाग गई। इसके बाद भीड़ इकट्ठा हो गई और साधुओं के साथ मारपीट करने लगी। स्थानीय लोगों को यह शंका हुई कि 3 लोगों ने लड़कियों को परेशान किया होगा। इसी कारण तीनों साधुओं की जमकर पिटाई कर दी।
बंगाल में पालघर जैसी घटना दोहराई जा रही
अखिल भारत हिंदू महासभा के स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि, “बंगाल में पालघर जैसी घटना दोहराई जा रही है. ये कितना दुर्भाग्यपूर्ण है। जब भगवान राम का मंदिर बन रहा है उस समय संत सुरक्षित नहीं है। ममता सरकार आरोपियों को गिरफ्तार करके तुरंत सजा सुनाए।”
भाजपा का TMC पर हमला
मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। इंटरनेट मीडिया पर इस घटना का वीडियो भी काफी ज्यादा वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि, तीनों साधु हाथ जोड़कर भीड़ से जान बख्शने की गुहार लगा रहे हैं। इस घटना के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार व बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि, ममता बनर्जी के शासन में हिंदू सुरक्षित नहीं है और बंगाल में हिंदी होना अपराध हो गया है।