मध्य प्रदेश के ग्वालियर से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। ग्वालियर के हुरावली इलाके में 17 साल के इकलौते बेटे की आत्महत्या के बाद माता-पिता ने भी फांसी लगाकर जान दे दी। हैरान कर देने वाली बात यह है कि, तीनों की लाश दो दिनों तक घर के अंदर लटकी रही, लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी।
दो दिनों तक लटकी रही तीनों की लाश
पुलिस को घर के अंदर से बिल्डर जितेंद्र झा, आर्मी स्कूल की प्रिंसिपल पत्नी त्रिवेणी और बेटे अचल की फांसी से लटकी लाश मिली। जितेंद्र के दोनों हाथ चाकू से कटे हुए थे। जब पुलिस की टीम घर के अंदर घुसी तो नजारा काफी भयानक था। बैठक से लेकर किचन तक खून फैला हुआ था। साथ ही बेटे अचल के कमरे से दो कटर, एक हथौड़ा भी मिला।
कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि, यह घटना 26 जनवरी को हुई होगी। अखबार घर के बाहर ही पड़ा हुआ था। दूध का पैकेट भी स्कूटर पर टंगा हुआ मिला। जब दो दिनों तक कोई हलचल नहीं हुई। तो लोगों ने पास ही रहने वाले उनके परिजनों को उनके बारे में बताया। परिजनों ने आकर गेट खुलवाया तो गेट अंदर से बंद था। गेट खुलने के बाद अंदर का नजारा देखकर सभी दंग रह गए। जिसके बाद रिश्तेदारो ने पुलिस को इस घटना की सूचना दी।
घर से सुसाइड नोट मिला
पुलिस को घर से एक सुसाइड नोट मिला जिस नोट में प्रॉपर्टी डीलर जितेंद्र ने पूरी घटना की जानकारी देते हुए बताया कि, ये सब बेटे की वजह से हुआ। जिसमें उन्होंने अपने पार्टनर देवेंद्र पाठक को जिम्मेदार ठहराया है। नोट में लिखा “मेरे बेटे की मौत का जिम्मेदार देवेंद्र पाठक है। देवेंद्र पाठक साक्षी अपार्टमेंट के सामने वाली काली कॉलोनी में रहता है। देवेंद्र उसे बहुत परेशान कर रहा था। इस वजह से उसने फांसी लगा ली, देवेंद्र को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए”।
हत्या या आत्महत्या ?
यह मामला उस समय और उलझ गया जब जांच के दौरान पुलिस को घर के पिछले वाले हिस्से की एक खिड़की टूटी हुई मिली। इतना ही नहीं, उसकी ग्रिल टूट कर जमीन पर पड़ी हुई थी और हथौड़ा भी मौजुद था। पुलिस को शक है कि, यह हत्या का मामला है, यहां से कोई अंदर आया होगा। वहीं अब आगे देवेंद्र से पुछताछ के बाद इस मामले की सच्चाई पता लगाएगी। पूरे परिवार ने मिलकर एक साथ आत्महत्या क्यों की? अभी इस बात की सही से जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है ।