वसंत पंचमी का पर्व पुरे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन ज्ञान, बुद्धि और कला की देवी मां सरस्वती प्रकट हुई थी। इसी के कारण हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन उनका जन्मोत्सव मनाया जाता है। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिम बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनाया जाता है। इस दिन पीले वस्त्र पहनते है।
क्यों मनाई जाती है वसंत पंचमी?
माघ मास का विशेष धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व है। वसंत पंचमी को किसी कार्य के शुरुआत के लिए सही समय माना जाता है। पुराणों के अनुसार इस दिन मुख्य रूप से “गृहप्रवेश” के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस त्यौहार को अक्सर समृद्धि और सौभाग्य से जोड़ा जाता है। यह माना जाता है कि वसंत पंचमी के साथ वसंत ऋतु की शुरुआत होती है, जो फसलों और कटाई के लिए एक अच्छा समय है। वसंत पंचमी को फसल काटने का त्यौहार माना जाता है,क्योंकि भारत मुख्य रूप से एक कृषि प्रधान देश है, इसलिए यह समझ में आता है कि, यह त्यौहार भारतीयों के दिलों में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
पंजाब और हरियाणा
पंजाब और हरियाणा में भी वसंत पंचमी का पर्व ज्यादातर लोग मनाते हैं। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद लोग मंदिर या गुरुद्वारे जाते हैं। एक दूसरे को इस पर्व की बधाई देते हैं और पतंगबाजी करते है। लोग लोक गीत गाते और नृत्य करते हैं। मक्के की रोटी और सरसों का साग, खिचड़ी और मीठे चावल आदि व्यंजन बनाते है।
वसंत पंचमी शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल पंचमी तिथि को वसंत पंचमी मनाई जाती है। वसंत पंचमी 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से शुरू हुई है और 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट तक रहेगी। आज सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 41 मिनट तक रहेगा।
वसंत पंचमी पर जानिए पीले रंग का महत्व
वसंत पंचमी पर पीले रंग का विशेष महत्व माना जाता है। पीला रंग शुद्ध, सादगी, निर्मलता का प्रतीक माना जाता है। पीले कपड़े पहनकर, पीले फूल अर्पण कर मां सरस्वती जी की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन पीली चीजों का प्रयोग करना बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि, ऐसा करने से मां सरस्वती प्रसन्न होकर बुद्धि, विवेक और ज्ञान का आशीर्वाद देती है।
हमारे देश में 6 ऋतुएँ होती है
हम सभी जानतें है कि हमारे देश में 6 ऋतुएँ होती हैं जिनके नाम वसंत ऋतु , ग्रीष्म ऋतु , वर्षा ऋतु , शरद ऋतु , हेमन्त ऋतु और शिशिर ऋतु है। जिनमें से वसंत ऋतु का मौसम सबसे ज्यादा सुहाना होता है और इसीलिए वसंत ऋतु को ऋतुओ का राजा यानी ऋतुराज भी कहा जाता है, क्योंकि इस मौसम में हर जगह धरती पर हरियाली होती है, इसी मौसम में गेहूं और सरसों की खेती की जाती है और दूसरी तरफ पीले सरसों के खेत सोने जैसे लगते है मानो हर जगह सोना बिखेर दिया गया हो।