पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित संदेशखाली समेत 7 ग्राम पंचायतों में फिर से 19 फरवरी तक धारा 144 लगा दी गई है और इन इलाकों में दुकान-बाजार इंटरनेट सेवाएं सब बंद कर दी गई है। दो दिन पहले ही मंगलवार को हाईकोर्ट के आदेश के बाद लगी धारा 144 को हटाया गया था।
बारासात के डीआईजी बोले- स्थिति नियंत्रण में
संदेशखाली में हुई हिंसा पर बारासात रेंज के DIG सुमित कुमार ने कहा है कि, स्थिति नियंत्रण में है। 19 जगहों पर धारा 144 लगा दी गई है। उन्होंने कहा राज्य सरकार चाहती है कि, जल्द से जल्द इलाके में शांति हो। इसके लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती भी की गई है।
क्या है पूरा मामला
संदेशखाली की महिलाएं 8 फरवरी से स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां और उसके समर्थकों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने शेख और उनके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। इस दौरान हिंसा भड़कने के बाद 10 फरवरी को प्रशासन ने इंटरनेट बंद कर यहां धारा 144 लगा दी थी। जिसके बाद राज्यपाल सी. वी आनंद बोस ने गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी थी। जिसमें उन्होंने पुलिस पर संदेशखाली में उपद्रवी के साथ मिले होने का आरोप लगाया है। इसके बाद राज्यपाल सी. वी आनंद बोस 12 फरवरी को प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचे और उन्होंने कार्रवाई का भरोसा दिलवाया। महिलाओं का दावा है कि, टीएमसी के स्थानीय नेताओं के खिलाफ जब वे शिकायत करने पुलिस के पास गईं, तो उनकी शिकायत दर्ज नहीं की गई। हद तो यहां हो गई कि, जिन महिलाओं का शोषण किया गया, जिनके साथ बलात्कार हुआ, उनके परिजनों के खिलाफ ही FIR दर्ज कर दी गई थी, ताकि डरा-धमकाकर इस मामले को दबा दिया जाए। जब पुलिस ने टीएमसी नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, तो उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर महिलाएं सड़क पर उतर आईं और प्रदर्शन करने लगी। देखते ही देखते प्रदर्शन हिंसा में बदल गई। इस मुद्दे पर बीजेपी लगातार टीएमसी पर निशाना साध रही है।
शाहजहां शेख फरार है
गौरव भाटिया ने कहा कि, एक महिला होने के बावजूद ममता बनर्जी महिलाओं का दर्द नहीं समझ पा रही है, पीड़ित महिलाओं की FIR दर्ज नहीं कि जा रही है और अभी तक फरार शाहजहां शेख पुलिस की गिरफ़्तारी से बाहर है। ममता बनर्जी सरकार के रवैये पर सवाल उठाते हुए भाटिया ने कहा कि, राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम जब वहां जांच के लिए गई तो उन्हें भी अपना काम नहीं करने दिया गया, इससे पहले ED की टीम पर भी हमला किया गया था। क्या बंगाल में टीएमसी के गुंडों को महिलाओं के खिलाफ अत्याचार करने की छूट दे रखी है।
महिलाओं पर हुए अत्याचार की जांच हुई शुरू
CID,DIG को संदेशखाली की महिलाओं से बात करने का जिम्मा सौंपा गया है और एक विशेष टीम बनाई गई है। राष्ट्रीय महिला आयोग और राज्य महिला आयोग के प्रतिनिधियों ने भी संदेशखाली का दौरा किया है। राज्य महिला आयोग का दावा है कि, उनसे किसी ने रेप की शिकायत नहीं की है और उधर केंद्रीय महिला आयोग का दावा है कि, शिकायत करने वाली महिलाओं के रिश्तेदारों के खिलाफ ही मामला दर्ज किया जा रहा है। इस बीच, कोर्ट ने कहा कि, शिकायत को बेहद गंभीरता से देखा जाना चाहिए क्योंकि यह मामला काफी गंभीर है। ये महिलाएं किसके खिलाफ बलात्कार और जमीन कब्ज़ा करने की शिकायत कर रही हैं? कोर्ट ने यह भी कहा कि लोगों के दिलों में भरोसा नहीं लौट रहा है।