इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर का मशहूर सराफा बाज़ार जो अपने जायके के लिए जाना जाता हैं, अब वह अपनी आधी रात की चमक को खोने जा रहा है। यह ऐसी परंपरा है जो लगभग 127 साल पुरानी है। रात के समय अब कोई हलचल नहीं होगी, हो सकता है कि जल्द ही सराफा चौपाटी इतिहास के पन्नों का हिस्सा भर रह जाए।
सोमवार को, सराफा एसोसिएशन और सराफा चौपाटी एसोसिएशन ने मिडनाइट फूड स्ट्रीट के लिए कुछ अहम फैसला लिया हैं, क्योंकि दोनों ने इसे किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट करने के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की है। एलपीजी सिलेंडरों के व्यापक उपयोग के कारण हरदा जैसी घटना होने की आशंका हैं। चौपाटी के भाग्य का फैसला करने के लिए गठित समिति की बैठक में उन्होंने अपनी सहमति दी।
पैनल द्वारा इंदौर नगर निगम के उच्च अधिकारियों को अपनी सिफारिश सौंपने की संभावना है और अंतिम निर्णय कर उसके द्वारा फैसला लिया जाएगा। बैठक के दौरान समिति के सदस्यों ने सुझाव दिया कि सराफा चौपाटी को लालबाग, हरसिद्धि, गांधी हॉल या संजय सेतु पर स्थानांतरित किया जाए। पंजीकृत चौपाटी दुकान मालिकों को जगह दी जाएगी। IMC नए स्थान पर पार्किंग और अन्य सुविधाओं का ख्याल रखेगी।
नए स्थान पर शिफ्ट होने से सराफा की दुकानें रात के समय भी खुली रखी जा सकेंगी। हालाकि कि सराफा चौपाटी के लिए केवल 80 दुकानें पंजीकृत हैं और शेष 200 दुकानें अनाधिकृत हैं। शुरुआती पारंपरिक भोजन की संख्या चीनी और फास्ट फूड आइटमों से अधिक हो गई है।