प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के ज्ञान के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए कई नए शैक्षणिक संस्थानों की सौगात दी। मोदी ने आज जम्मू में कई नए शैक्षणिक संस्थानों का उद्घाटन किया है। इस नए प्रोजेक्ट की कुल कीमत 13,375 करोड़ रुपए की है।
इस प्रोजेक्ट में 3 IIT, 3 IIM, 1IIS, 20 केन्द्रीय विद्यालय, 13 नवोदय विद्यालय और केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के दो परिसर शामिल हैं।
3IIM
पहला IIM जम्मू है। इसे जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में छात्रों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्थापित किया गया है। दूसरा IIM बोधगया है। यह प्रतिष्ठित बौद्ध तीर्थस्थल में स्थित है, जिसका लक्ष्य वैश्विक दृष्टिकोण के साथ मैनेजमेंट शिक्षा प्रदान करना है। तीसरा IIM विशाखापत्तनम है। इसका लक्ष्य आंध्र प्रदेश में स्थित समुद्री और तटीय प्रबंधन विशेषज्ञता का केंद्र बनना है।
3IIT
IIT भिलाई, तिरूपति और जम्मू के लिए स्थायी परिसरों का उद्घाटन किया गया है। साथ ही इंजीनियरिंग शिक्षा के बुनियादी ढांचे का विस्तार करते हुए IIITDM कांचीपुरम की आधारशिला रखी गई है।
IIS
कानपुर में IIS स्थापित हुआ है। प्रधान मंत्री द्वारा उद्घाटन किए गए इस प्रमुख संस्थान का उद्देश्य भारत की इंडस्ट्रियल प्रगति को आगे बढ़ाते हुए व्यक्तियों को उभरती तकनीक में उन्नत कौशल से लैस करना है।
20केन्द्रीय विद्यालय
मोदी ने देश भर में 20 नए केन्द्रीय विद्यालय स्थापित किए है। इन सुविधाओं का उद्देश्य भारत भर के विभिन्न स्थानों में छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है। जिससे गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा तक पहुंच का विस्तार हो सके।
13 नवोदय विद्यालय
देश भर में 13 नए नवोदय विद्यालय स्थापित हुए हैं। ये प्रमुख संस्थान, अपने नए परिसरों के साथ, ग्रामीण भूमिका के प्रतिभाशाली छात्रों का पोषण करना जारी रखेंगे। यह संस्थान सामाजिक मोबिलिटी और शिक्षा में समानता में योगदान देंगे।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय:
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के दो परिसर भी स्थापित हुए हैं। देवप्रयाग (उत्तराखंड) और अगरतला (त्रिपुरा) में ये विश्वविद्यालय स्थापित हुए है। यह विश्वविद्यालय भारत की सांस्कृतिक विरासत को बड़ाते हुए संस्कृत के अध्ययन और संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
क्या है इन संस्थानों का महत्व?
यह नए संस्थान और बुनियादी ढांचे का विस्तार पूरे भारत में छात्रों को उच्च शिक्षा और कौशल विकास के लिए अधिक अवसर प्रदान करेगा, चाहे उनका स्थान या बैकग्राउंड कुछ भी हो। नए क्षेत्रों में इन संस्थानों की स्थापना का उद्देश्य संतुलित विकास को बढ़ावा देना और विभिन्न क्षेत्रों में कुशल जनशक्ति तैयार करना है। IIS और नवोदय विद्यालय में कौशल प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करना, उद्योग की मांगों के अनुरूप कुशल कार्यबल की आवश्यकता को संबोधित करता है। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और प्रसार में योगदान देगा है। जम्मू और कश्मीर, आंध्र प्रदेश और अन्य क्षेत्रों में शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना से इन क्षेत्रों में आर्थिक विकास और सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।