प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 मार्च को उज्जैन में वैदिक घड़ी का वर्चुअली लोकार्पण करेंगे। यह दुनिया की पहली ऐसी डिजिटल घड़ी होगी, जो इंडियन स्टैंडर्ड टाइम (IST) और ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) बताएगी। इस घड़ी को उज्जैन में जीवाजी वैधशाला के पास जंतर-मंतर पर 85 फीट ऊंचे बने टावर पर लगाई जाएगी। इसमें उज्जैन समेत देश भर के कई शहरों का समय भी दिखाई देगा।
इस घड़ी में यह खास बात है कि, इसमें विक्रम पंचांग भी शामिल रहेगा। सूर्योदय से सूर्यास्त के साथ ग्रह, योग, भद्रा, चंद्र स्थिति, नक्षत्र, चौघड़िया, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण की जानकारी, अभिजीत मुहूर्त, ब्रह्म मुहूर्त, अमृत काल सहित मौसम से जुड़ी सभी जानकारी मिलेगी। साथ ही देश-दुनिया के खूबसूरत सूर्यास्त, सूर्य ग्रहण के नजारे भी दिखेंगे।
इस घड़ी को लखनऊ की संस्था ‘आरोहण’ के आरोह श्रीवास्तव ने डिजिटल तकनीक से बनाया है। इस घड़ी को 24 घंटों के दौरान 30 मुहूर्त में बांटा गया है। अभी जो घड़ी हमारे देश में चल रही वो दिन में समय के साथ सिर्फ सेकंड ही बताती है। लेकिन इस वैदिक घड़ी की ख़ास बात है कि,यह वैदिक समय, इंडियन स्टैंडर्ड टाइम, ग्रीनविच टाइम के साथ विक्रम संवत् पंचांग की जानकारी भी देगी। इस घड़ी का उपयोग प्ले स्टोर पर एप आने के बाद आम जानता मोबाइल में इसका उपयोग कर सकती है। वैदिक घड़ी के सभी फीचर इस एप में रहेंगे। साथ ही घड़ी में जो बदलाव होंगे, वो आपके मोबाईल एप में भी दिखाई देंगे। आप इसे मैन्युअल भी ऑपरेट कर सकेंगे। इसके एप का नाम ‘विक्रमादित्य वैदिक घड़ी’ ही होगा।
इस घड़ी को बनाने के लिए भोपाल की एक संस्था ने इसके ग्राफिक्स तैयार किए हैं। इसमें 12 ज्योतिर्लिंगं के दृश्य, श्री राम मंदिर का दृश्य और कैलाश मानसरोवर के दृश्य है। इस ग्राफिक्स के माध्यम से समय के साथ यह दृश्यों को भी दिखाया जाएगा। इस काम को पूरा करने के लिए उज्जैन के विक्रमादित्य शोध पीठ संस्थान ने भी मदद की है। देश-दुनिया की यह वैदिक घड़ी इंटरनेट और ग्लोबल पॉजिशिनिंग सिस्टम (GPS) से जुड़ी होगी।
वैदिक घड़ी की स्थापना करने की नीव 6 नवंबर 2022 को डॉ. मोहन यादव ने रखी थी। तीन महीने में क्लॉक टॉवर का निर्माण कराकर 22 मार्च 2023 तक वैदिक घड़ी की स्थापना का टारगेट बनाया गया था। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। दरअसल, फाउंडेशन वर्क के लिए खुदाई करने पर जमीन में से ज्यादातर पॉलीथिन और कई सारा कूड़ा कचरा निकलने लगा। जिसकी वजह से इस के निर्माण में करीबन तीन महीने की देरी हुई। हालांकि अब इसका पूरी तरह से निर्माण हो चुका है और अलगे महीने 1 मार्च को इसका लोकार्पण कर इस घड़ी को चालू किया जाएगा।