कल शाम यानी 11 मार्च, 2024 को पूरे देश में नागरिकता (संशोधन) नियम (CAA) लागू हो चुका है। CAA बनने के पूरे 5 साल बाद लागू हुआ है। CAA लागू होते ही जिसकी उम्मीद थी आखिरकार वो ही हुआ। पूरे देश के अलग-अलग राज्यों में जनता विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़क पर आ गई है । असम, बंगाल, दिल्ली और तमिलनाडु जैसे राज्यों में इसके लागू होने के पहले ही विरोध शुरू हो गया था।
असम के गुवाहाटी में “अखिल असम छात्र संघ” के सदस्यों का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे शहीद भवन में CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वीडियो में वे “NO CAA” के फ्लैग के साथ उसकी कॉपी के नकली पुतले जलाते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं कांग्रेस समेत कुछ अन्य पार्टियों ने कल ‘सरबतमक हड़ताल’ करने का आह्वान भी किया है। इस पर गुवाहाटी पुलिस ने इसमें शामिल सभी पार्टियों को नोटिस जारी कर दिया है।
यह फैसला आने के बाद दिल्ली और नोएडा में भी पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। CAA के नियम के लागू होने के कुछ घंटों बाद ही दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में बिरादरी, MSF और NSU (I) के छात्र संगठनों ने परिसर में ही देर रात विरोध प्रदर्शन किया। जिसके बाद पुलिस आज सुबह से ही जामिया नगर में पेट्रोलिंग पर है।
केरल में भी ऐसे ही दृश्य देखने मिल रहे है। कल रात केरल में भारी मात्रा में मुस्लिम जनता की विरोध रैली निकलते दिखी थी। वहीं केरल पुलिस को CAA के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्र संगठन की भीड़ को काबू करने के लिए उन पर लाठीचार्ज करना पड़ा था। महिलाएं भी उस विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थीं।
बंगाल और केरल के मुख्यमंत्रियों ने तो यह तक कह दिया है कि, वे अपने राज्यों में CAA लागू नहीं करेंगे। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का कहना है कि, केंद्र सरकार का चुनाव से पहले CAA के नियम लागू करने का कदम देश को परेशान करने वाला है। उन्होंने सवाल भी उठाए है कि लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले ही गृह मंत्रालय ने इस नियम को क्यों जारी किया है।
इन विरोध के बीच सरकार पर सवाल भी उठ रहे हैं कि, चुनाव के पहले ही सरकार ने CAA क्यों अधिसूचित किया है। इसके पहले या बाद में क्यों नहीं किया गया। कई लोग इसे SBI और इलेक्ट्रो बॉन्ड के संबंध से भी जोड़ रहे हैं। लोगों का कहना है कि, सरकार ने यह कदम SBI पर से ध्यान भटकाने के लिए उठाया है। CAA लागू होने के बाद से ही देश का पूरा ध्यान विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर चला गया है। ऐसे में सरकार और SBI को अपने काले कारनामों पर पर्दा डालने के लिए अच्छा मौका मिल गाया है।