दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने नकली दवा बनाने वाले सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। सभी आरोपी कैंसर के इलाज के दौरान उपयोग में होने वाली कीमोथेरेपी की नकली दवा बनाते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से कुल 9 ब्रांड की नकली कैंसर दवाएं बरामद की हैं। इनमें से 7 दवाएं विदेशी ब्रांड की हैं जबकि 2 भारत की हैं। इन दवाओं की असली कीमत चार करोड़ रुपये है। खास बात यह है कि, यह लोग नामी कंपनियों की दवा की शीशियां 5000 रुपये में खरीद कर 100 रुपये की नकली दवा भरते थे और इस दवा को 1 से 3 लाख रुपये में बेचते थे।
दिल्ली पुलिस को आरोपियों के पास से करीब विदेशी मुद्रा 19 हजार डॉलर और 89.50 लाख रूपये कैश मिला है। दिल्ली पुलिस की टीम ने सोमवार को पर्ल नगर, गुरुग्राम और यमुना विहार समेत 4 स्थानों पर स्टॉक कर रखे गए नकली कीमोथेरेपी की दवाओं के साथ सात आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है।
पुलिस को जांच के दौरान नीरज चौहान आरोपी के ‘नले साउथ सिटी’ गुरुग्राम के एक फ्लैट से नकली कैंसर इंजेक्शनों की 137 शीशियां, 519 खाली शीशियां व शीशियों के 864 खाली पैकेजिंग बॉक्स मिले। नीरज के साथ उसके चचेरे भाई तुषार चौहान को भी पकड़ा गया, जो सप्लाई चेन में शामिल था। साथ ही यमुना विहार दिल्ली से परवेज़ को पकड़ा गया। यह विफिल जैन के लिए खाली शीशियों की व्यवस्था करता था। इसके बाद दिल्ली स्थित कैंसर अस्पताल के दो कर्मचारीयों को भी गिरफ्तार किया गया। यह दोनों आरोपी अस्पताल में खाली हुई शीशियों को इन आरोपियों तक पहुंचाते थे।
दिल्ली पुलिस की एक टीम ने विफल जैन के ठिकाने ‘डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स’ पर छापा मारा था। विफल यहां पर कैंसर की नकली दवाएं बनाता था। विफल ने डीएलएफ ग्रीन्स में 2 फ्लैट किराए पर लिए थे। पुलिस ने यहां से ऐसी 140 बोतलें जब्त कीं जिस पर ओपडेटा, कीट्रूडा, डेक्सट्रोज, फ्लुकोनाज़ोल जैसे ब्रांड के नाम लिखे थे। जांच में पता चला कि इसमें एंटीफंगल दवा है। पुलिस ने यहां से तीन बोतल सील करने की मशीन, एक हिट गन मशीन और 197 खाली बोतलें जब्त की हैं। साथ ही पैकेजिंग से संबंधित महत्वपूर्ण सामान भी जब्त किए गए है।
इन सात आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
(1) दिल्ली निवासी विफिल जैन उम्र 46 वर्ष है।
(2) सूरज शत उम्र 28 वर्ष है।
(3) गुरुग्राम, निवासी नीरज चौहान उम्र 38 है।
( 4) परवेज़ उम्र 33 वर्ष है।
(5) कोमल तिवारी उम्र 39वर्ष है।
(6) अभिनय कोहली उम्र 30 वर्ष है।
(7) तुषार चौहान उम्र 29 वर्ष है।
दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम इस बात की जांच में लगी हुई है कि, आखिर अवैध दवाओं को बनाने में कितने लोग काम कर रहे हैं। कहां-कहां इन दवाओं की सप्लाई हो चुकी है। इस काम के पीछे किसका हाथ है और किसके इशारे पर यह लोग दिल्ली में नकली दवाओं का कारोबार चला रहे है।