उज्जैन। मध्यप्रदेश के धार की भोजशाला का ASI ने सर्वे शुरू कर दिया है। उधर सर्वे शुरू इधर, उज्जैन में भी एक विवादित स्थल को लेकर सर्वे की मांग शुरू हो गई है। महामंडलेश्वर अतुलेशनंद सरस्वती महाराज ने उज्जैन के दानीगेट स्थित बिना नींव की मस्जिद पर दावा किया है। उनका कहना है कि “यह राजा भोज द्वारा स्थापित ‘परमारकालीन सरस्वती जी और सोमेश्वर महादेव का मंदिर’ था। इसे मुगल शासकों द्वारा खंडित किया गया था। दिलावर खान ने शिवलिंग को वहां से हटा दिया था”।
राजा भोज द्वारा मंदिर बनवाने का दावा
अतुलेशनंद सरस्वती महाराज का कहना है कि, “उज्जैन में राजा भोज द्वारा निर्मित भोजशाला जिसे ‘सरस्वती कंठ भरण’ कहा गया है। इसे राजा भोज द्वारा बनाया गया था। इस मंदिर में इसमें सोमेश्वर महादेव थे, जिसे अल्तमस के आने के बाद खंडित किया गया। शिवलिंग को मंदिर से बाहर फेंक दिया गया। आज इस जगह को बिना नींव की मस्जिद कहा जा रहा है। यहां नमाज पढ़ी जा रही है। मुस्लिम पक्षों द्वारा शिव का गर्भगृह गिरा दिया गया है। यहां 88 खंभे भारतीय सनातन परंपरा के अनुसार अभी भी बने हैं”।
विवादित स्थल पर CCTV लगवाने की मांग
इस जगह पर आर्किटेक्चर देखकर कहा जा सकता है कि, ये मंदिर है। निश्चित रूप से बिना नींव की मस्जिद पुरानी व बहुत विशाल है। यहां निश्चित रूप से या सरस्वती मंदिर रहा है। अगर मुस्लिम पक्ष इसे मस्जिद कहता है तो, मैं यह कहना चाहूंगा कि यह राजा भोज ने बनवाया था। ये मंदिर है और इसे हिंदुओं को सौंपा जाना चाहिए। यहां CCTV लगवाए जाएं क्योंकि यहां भी सर्वे भविष्य में हो सकता है। इस कारण यहां छेड़छाड़ की संभावना लगातार बनी हुई है। जल्द ही इंदौर हाई कोर्ट में अपील करने की तैयारी में हैं। धार की भोजशाला की तरह ही उज्जैन में भी ASI सर्वे कराना चाहिए।