पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने बड़ी कार्यवाही की है। इस मामले में फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले मास्टरमाइंड मोहम्मद सद्दाम को ED ने गिरफ्तार किया है। ED ने मोहम्मद सद्दाम को PMLA की विशेष अदालत में पेश कर 7 दिनों की रिमांड मांगी है। बता दें कि, ज़मीन फर्जीवाड़े के दो मामलों में हेमंत सोरेन पहले से ही जेल में बंद है।
बड़गाई अंचल की 8.86 एकड़ ज़मीन के कथित घोटाले मामले में ED ने 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही इस मामले में राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप को भी गिरफ्तार किया था और तभी से दोनों जेल में बंद है। ED ने हेमंत सोरेन के कथित स्वामित्व वाले 8.86 एकड़ ज़मीन को कब्जे़ में ले लिया है। जिसकी कीमत करीब 31 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
ED ने कहा कि, सोरेन के साथ इन 4 लोगों के भी नाम है। इसमें भानु प्रताप प्रसाद, विनोद सिंह, हिरेलियस कच्छप और राजकुमार पाहन को भी संपत्ति के गैरकानूनी अधिग्रहण और कब्जे में हेमंत सोरेन की सहायता करने के लिए आरोपी माना गया है।
ED ने इस ज़मीन पर राजकुमार पाहन नाम के व्यक्ति के दावे को भी खारिज किया है। ED ने आरोप लगाया कि, राजकुमार पाहन हेमंत सोरेन द्वारा संपत्ति को अपने नियंत्रण में रखने के लिए सिर्फ एक ‘मुखौटा’ था। बल्कि वो ज़मीन भी हेमंत सोरेन कि ही है।
संतोष मुंडा ने ED को यह भी बताया कि, हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना ने ‘दो से तीन बार’ उस ज़मीन का दौरा किया है। ED का दावा है कि, सोरेन ने मुंडा को संपत्ति की देखभाल करने को कहा था। इसके अलावा इस मामले के एक अन्य आरोपी हिरेलियस कच्छप ने वहां बिजली मीटर लगवाया था। ED ने कहा कि, रांची में जहां जमीन है उस पते पर फरवरी 2017 में संतोष मुंडा के बेटे के नाम पर एक रेफ्रिजरेटर खरीदा गया था, जबकि उनकी बेटी के नाम पर नवंबर 2022 में एक स्मार्ट टीवी खरीदी गई थी।
प्रसाद पर आरोप है कि, उन्होंने अपने पद का गलत उपयोग किया है। प्रसाद ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए सोरेन समेत कई लोगों को अपराध की कमाई करने, जमीन पर अवैध कब्ज़े, अधिग्रहण समेत जैसी कई गतिविधियों में उनकी मदद की है।