इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल (MGM) मेडिकल कॉलेज से अब तक की सबसे विचित्र खबर सामने आई है। कॉलेज के अंतिम वर्ष के छात्रों ने कॉलेज को सामूहिक आत्महत्या करने की धमकी दी है। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी शैक्षणिक संस्थान को अपने छात्रों की ओर से सामूहिक आत्महत्या की धमकी मिली हो।
क्या है मामला?
MGM कॉलेज के छात्रों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के साथ मिलकर कॉलेज में अंक सुधार में हो रही देरी के विरोध में प्रदर्शन किया और कॉलेज डीन का घेराव किया। छात्रों ने यह प्रदर्शन अपने अंकों में हुई गड़बड़ी के सुधार में हो रहे विलंब के विरोध में किया है। छात्रों का कहना है कि, उनके अंतिम वर्ष के अंकों में गड़बड़ी हुई है, जिस वजह से वो अपने MBBS के अंतिम वर्ष में फेल हो गए हैं। छात्रों के मुताबिक कुल 41 छात्र परीक्षा में फेल हो गए है, तो वहीं बाकी की पूरी बैच को कम अंक मिले हैं। छात्रों के मुताबिक उनके प्रैक्टिकल के अंक देने में क्लर्क और परीक्षक द्वारा हुई गड़बड़ी का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। क्लर्क और परीक्षक ने उनका करियर बर्बाद कर दिया है क्योंकि इस परिणाम ने उन्हें अनिवार्य इंटर्नशिप में शामिल होने से रोक दिया है।
मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी (MPMSU) ने कॉलेज से गलती के लिए स्पष्टीकरण मांगने के साथ परिणाम संशोधित करने के लिए शपथ पत्र भी मांगा है। छात्रों का भी कहना है कि, कॉलेज के प्रशासन और फैकल्टी के सदस्यों ने पहले ही परिणाम को रिवाइज करने का निर्णय ले लिया था, लेकिन फैकल्टी में से एक सदस्य बाधा बन रहा है, क्योंकि वह डीन के गलती स्वीकार करने के बावजूद अपनी गलती स्वीकार नहीं कर रहा है। छात्रों का यह भी कहना है कि, वह समाज के दबाव में हैं जिस वजह से उनके पास आत्महत्या करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है।
कॉलेज की प्रतिक्रिया
इसमें कॉलेज स्टाफ का कहना है कि, यह गड़बड़ी एक परीक्षक के द्वारा हुए है। परीक्षक ने छात्रों का मूल्यांकन 60 के बजाय कुल 10 अंकों के लिए कर दिया था। वहीं, अंक अपलोड करने वाला क्लर्क भी दिए गए अंकों को छह से गुणा करने से चूक गया और परीक्षक भी विश्वविद्यालय को अंक जमा करने से पहले इस गलती को पकड़ने में विफल रहे। इसी वजह से यह हालात बने हैं। छात्रों के इस विरोध पर प्रतिक्रिया करते हुए MGMM कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने कहा है कि, वह अंकों को रिवाइज करने की औपचारिकताएं पूरी करेंगे और तीन दिनों में सभी बाहरी और आंतरिक परीक्षकों से हस्ताक्षर करवाकर इसे MPMSU को भेज देंगे।