पिछले साल मणिपुर में एक ऐसी घटना हुई थी, जिसे आज भी अगर कोई याद करे तो उसकी रूह कांप जाती है। जी हां, हम उसी घटना के बारे में बात कर रहे है, जिसमें दो महिलाओं को हज़ारों पुरुषों के एक समूह ने पूरे गांव में निर्वस्त्र कर घुमाया गया था और उनका रेप किया गया था। ये घटना पहले से ही दहशत भरी हुई है, लेकिन इस भयावह घटना से जुड़ी एक और जानकारी मिली है, जो सबके होश उड़ा देगी। सीबीआई की चार्जशीट से खुलासा हुआ है कि, इस घटना के होने से पहले दोनों महिलाएं पुलिस की जिप्सी के पास उनसे मदद मांगने गई थीं। लेकिन पुलिस टीम उनकी मदद करने के बजाय वहां से फरार हो गई थी।
चार्जशीट के मुताबिक दोनों महिलाएं घटना से पहले अपने आप को बचाने के लिए भाग रही थीं। तभी उन्हें सड़क किनारे पुलिस की एक जिप्सी खड़ी हुई दिखाई दी थी। जिप्सी के अंदर दो पुलिसकर्मी बैठे हुए थे, वहीं 4 से 5 पुलिसकर्मी बाहर खड़े हुए थे। मॉब से बचते हुए जैसे तैसे दोनों महिलाएं जिप्सी के अंदर जाकर बैठ गई। उनके साथ दो पीड़ित पुरुष भी कार में बैठ गए और पुलिस से उन्हें दूर ले जाने की विनती करने लगे। पर पुलिस उनकी मदद करने से यह कहकर इंकार कर देती है कि, कार में चाबी नहीं है। लेकिन तभी पुलिस अचानक से कार चालू कर उन पीड़ितों को मॉब के पास ले जाकर छोड़ देती है।
कुछ ही देर बाद मॉब को आते देख पुलिस सभी पीड़ितों को अकेले छोड़कर वहां से फरार हो जाती है। कार में बैठे पीड़ितों को निकालने के लिए भीड़ कार को जोर-जोर से हिलाने लगती है और कुछ ही देर में उन्हें बाहर निकाल लेती है। भीड़ दो पुरुष पीड़ितों में से एक को वहीं मार देती है। इसके बाद भीड़ दोनों महिलाओं के कपड़े फाड़ कर उनकी परेड निकालती है।
चार्जशीट के मुताबिक, एक पीड़ित महिला पास में खड़े होकर इस पूरे घटनाक्रम को देख रही थी। हज़ारों लोगों द्वारा अंजाम दिए गए इस घटना में केवल 7 व्यक्तियों के खिलाफ ही मामला दर्ज हुआ था। वह भी तब जब पूरे देश से मणिपुर की सरकार पर कार्रवाई करने का दबाव पड़ा था।