हिंडनबर्ग की छाया से अभी अडानी ग्रुप मुक्त हुआ ही था कि, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने इसकी 6 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस थमा दिया। इन कंपनियों पर रिलेटिव पार्टी ट्रांजैक्शन के उल्लंघन, लिस्टिंग नियमों का अनुपालन न करने और अतीत में ऑडिटर सर्टिफिकेट्स की वैधता के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड से कारण बताओ नोटिस मिला है। ग्रुप की कंपनियों ने स्टॉक एक्सचेंजों को अपनी नियामक फाइलिंग में यह जानकारी दी है।
समूह की प्रमुख कंपनियों के नाम अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अडानी पावर, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडानी टोटल गैस और अडानी विल्मर ने अपने-अपने जनवरी-मार्च तिमाही और वित्त वर्ष 2023-24 के वित्तीय परिणामों में SEBI के नोटिस की जानकारी का खुलासा किया।
कंपनियों ने कहा कि, लागू कानूनों और विनियमों का कोई भौतिक गैर-अनुपालन नहीं हुआ है और इसका कोई भी भौतिक परिणाम प्रभाव नहीं है। हालांकि, अडानी टोटल गैस और अडानी विल्मर के अलावा शेष कम्पनियों ने वित्तीय विवरणों पर एक पत्र जारी किया, जिसका तात्पर्य यह है कि SEBI की जांच के परिणाम का भविष्य में वित्तीय विवरणों पर असर पड़ सकता है।
अडानी ग्रीन एनर्जी ने अभी तक अपनी आय की घोषणा नहीं की है। ACC और अंबुजा सीमेंट ने कहा कि, उन्हें इस मामले पर SEBI से कोई नोटिस नहीं मिला है। उनके संबंध में कोई खुला मामला नहीं है और लागू नियमों का कोई गैर-अनुपालन नहीं हुआ है।
इन 6 कंपनियों को SEBI का नोटिस उस जांच का हिस्सा है, जो शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा 24 जनवरी 2023 में अडानी समूह के खिलाफ कॉर्पोरेट धोखाधड़ी और शेयर मूल्य हेरफेर के गंभीर आरोप लगाने के बाद की गई थी।
अडानी समूह ने सभी आरोपों और किसी भी गलत काम से इनकार किया है। रिपोर्ट के कारण शेयर बाजार में उसकी कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट आई और समूह का बाजार मूल्य अपने सबसे निचले स्तर पर करीब 150 अरब अमेरिकी डॉलर तक गिर गया था। हालांकि, बाद में समूह की कंपनियों के शेयरों ने बाजार में वापसी ले ली थी।